महाकुंभ के लिए प्रयागराज आएंगे संत, सनातन की अलख जगाने को आज नगर प्रवेश करेगा जूना अखाड़ा
महाकुम्भ 2025 की तैयारियों के लिए श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े का नगर प्रवेश रविवार को हो जाएगा। अखाड़े के पंच परमेश्वर प्रयागराज पहुंच गए हैं। सुबह 11 बजे रामापुर हनुमान मंदिर से ढोल नगाड़े के साथ मंदिरों में पूजन करते हुए साधु संत यमुना तट स्थित मौजगिरि आश्रम पहुंचेंगे।
महाकुम्भ 2025 की तैयारियों के लिए श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े का नगर प्रवेश रविवार को हो जाएगा। अखाड़े के पंच परमेश्वर प्रयागराज पहुंच गए हैं। सुबह 11 बजे रामापुर हनुमान मंदिर से ढोल नगाड़े के साथ मंदिरों में पूजन करते हुए साधु संत यमुना तट स्थित मौजगिरि आश्रम पहुंचेंगे। यहां संत और नागा संन्यासी अगले डेढ़ महीने तक रहेंगे। 23 नवंबर को धर्म ध्वजा की स्थापना होगी, जबकि 14 दिसंबर को आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि की अगुवाई में छावनी प्रवेश होगा।
संख्या बल में सबसे बड़े जूना अखाड़े की महाकुम्भ की गतिविधियां रविवार से शुरू हो जाएंगी। अखाड़े का रमता पंच रामापुर अंदावा हनुमान मंदिर में 16 अक्तूबर को पहुंच चुका है। परंपरा के अनुसार पंच परमेश्वर की अगुवाई में नगर प्रवेश यम द्वितीया के दिन होता है। रविवार को जूना अखाड़े के संरक्षक महंत हरिगिरि, जगद्गुरू महेंद्रानंद गिरि, जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरि, पूर्व सभापति श्रीमहंत उमा भारती, श्रीमहंत पृथ्वी गिरि, श्रीमहंत केदारपुरी, श्रीमहंत सिद्धेश्वर यति, श्रीमहंत प्रेम भारती, श्रीमहंत शांति गिरि, श्रीमहंत राम गिरि, श्रीमहंत सिद्धेश्वर गिरि, श्रीमहंत धनंजय गिरि, श्रीमहंत मुकुंद पुरी की अगुवाई में मौजगिरि आश्रम पहुंचेगी।
मौजगिरि आश्रम पर शनिदेव व यमुना की पूजा कर महाकुम्भ की कुशलता का आशीष मांगा जाएगा। प्रयागराज आगमन पर जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि ने साधु संतों के साथ बैठक कर मेले की व्यवस्थाओं पर चर्चा की। जूना अखाड़े के एक हजार से अधिक संत, संन्यासी और महंत, रमता पंच और मढ़ियों के प्रमुख राजशाही तरीके से कुंभ के लिए प्रस्थान करेंगे। इनके साथ घोड़ा, हाथी, ऊंट, बग्घी और रथ आदि गाजे बाजे के साथ शामिल रहेंगे।