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वन्यप्रेमियों को मिली नई सौगातें, सैलानियों से गुलजार दिखा जू

-बाघों के संरक्षण के लिए वन जरूरी

वन्यप्रेमियों को मिली नई सौगातें, सैलानियों से गुलजार दिखा जू
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊMon, 01 Oct 2018 06:41 PM
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-बाघों के संरक्षण के लिए वन जरूरी

-वाइल्ड लाइफ के स्टॉलों ने खूब लूभाया

-वन्यजीव झांकी संग शुरू हुआ जागरूकता अभियान

-नेवले के अवैध शिकार पर सात साल की सजा

लखनऊ। निज संवाददाता

नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान सोमवार को वन्यजीव सप्ताह के पहले दिन सैलानियों से गुलजार दिखा। उद्घाटन समारोह के पहले दिन वन्यप्रेमियों को ढेर सारी सौगातें मिली। प्राणी उद्यान ने परिसर की रंगत में चार चांद लगाने और सुविधाओं में इजाफा करते हुए कई सारी नई सेवाओं को शुरू किया। वन्यजीव सप्ताह कार्यक्रम का आयोजन थ्री डी ऑडिटोरियम में किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए वन एंव पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान द्वारा सोवेनियर शॉप, मोबाइल एप्प, वेबसाइट, आडियो टूर, वर्चुअल रियल्टी संग आगमेन्टिड रिएल्टी का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्राणी उद्यान द्वारा शुरू की जा रही तकनीकों से पर्यटकों को लाभ मिलेगा। जू द्वारा इको टूरिज्म के प्रयास सराहानीय हैं। प्राणी उद्यान के विस्तार के लिए भूमिगत मछलीघर बनाने के लिए उन्होंने निर्देश भी दिए। इस अवसर पर वन एंव वन्यजीव विभाग की की प्रमुख सचिव कल्पना अवस्थी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एसके उपाध्याय, जू निदेशक आरके सिंह, वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ उत्कर्ष शुक्ला, डॉ अशोक कश्यप संग जू के सभी कर्मचारी मौजूद रहे।

-वन्यजीव झांकी संग शुरू हुआ जागरूकता अभियान

इस अवसर पर कार्यक्रम में शामिल हुए अतिथियों द्वारा वन्यजीव झांकी को हरी झंड़ी दिखाई गई। इस झांकी से वन्यजीव सप्ताह की रौनक को दोगुनी हो गई। जंगल के राजा संग वन की शोभा को बढ़ाने वाले सभी वन्यजीवों के स्टैचू से सजी झांकी को देख पर्यटकों के चेहरों पर मुस्कान खिल उठी। जू की ओर से पहली बार वन्यजीवों की झांकी का भम्रण शहर के अलग-अलग इलाकों में वन्य सप्ताह तक किया जाएगा। यह अनूठा प्रयास प्राणी उद्यान की ओर से पहली बार किया गया है। इस झांकी का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को वन्यजीवों के बारे में जानकारी देना और साथ ही लोगों में वन्यजीवों के प्रति रूचि और जागरूकता पैदा करना है।

-वाइल्ड लाइफ के स्टॉलों ने पर्यटकों को खूब लूभाया

जू की ओर से इस बार जीराफ बाड़े के पास आठ अलग तरह के वाइल्ड लाइफ स्टॉलों को लगाया गया है। इन स्टॉलों में बच्चों को नई तकनीकों और कलात्मक कार्यों की शिक्षा दी जा रही है। जिसमें टायज़, फेस पेंटिंग, ऑरगेनिक मिल्क, कार्पेट, एंकर एम्ब्रोडरी, ऑरगेमी और वेस्ट मेटिरियल से खिलौने, ज्वैलरी बनाने की कलाओं को बच्चों को सिखाया जा रहा है। इस कार्यशाला में लगभग 300 बच्चों ने हिस्सा लेकर नई तरकीबों को सीखा।

-बाघों के संरक्षण के लिए वन जरूरी

भारत में केवल 18 राज्यों में ही बाघ बचे हैं जिनमें यूपी भी शामिल है। बाघों के संरक्षण के लिए वनों का होना जरूरी है। यह बातें दिल्ली के ग्लोबल टाइगर फोरम के सेक्रेटी जनरल डॉ राजेश गोपाल ने अपने व्याख्यान के दौरान कहीं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के सहयोग से इस दिशा में तेजी से काम किया जा सकता है। बाघों के संरक्षण के लिए वन जरूरी है जिससे पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। एक तरह से बाघ संरक्षण पूरे इकोसिस्टम का संरक्षण है।

-नेवले के अवैध शिकार पर सात साल की सजा

एचवी गिरीश ने बताया कि वन्यजीव अपराधियों द्वारा नेवले के बालों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में निर्यात करने से उनको 28 से 30 करोड़ की कमाई होती है। इन अपराधियों द्वारा किए गए नेवले के शिकार करने पर उनको सात साल की सजा का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो के अपर निदेशक तिलोत्तम वर्मा और उप निदेशक रामेश्वर सिंह ठाकुर के सहयोग से और वन, वन्यजीव संग पुलिस विभाग की मदद से नेवले के बालों का जखीरा बरामद किया गया जिसमें लगभग 56130 ब्रश और 27 बोरे नेवले के बाल मिले।

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श्रेया पाठक

1- वन्यप्रेमियों को मिली नई सौगातें, सैलानियों से गुलजार हुआ जू

-वन्यजीव सप्ताह का धूमधाम से हुआ उद्घाटन

-रथ यात्रा से शुरू हुआ जागरूकता अभियान

2-डफरिन अस्पताल में मिजेल्स रूबेला टीकाकरण की हुई शुरूआत

-सितंबर के अंत में दोनों टीकाकरणों को झलकारी और डफरिन ने किया शुरू

3-युवाओं ने अपनी कविताओं के पाठ से जीता श्रोताओं का दिल

-युवा मंच की ओर से काव्यपाठ का हुआ आयोजन

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