ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश लखनऊ डायबिटीज छीन सकती है आपकी आंखों की रोशनी, इलाज की इस नई तकनीक से करें बचाव 

डायबिटीज छीन सकती है आपकी आंखों की रोशनी, इलाज की इस नई तकनीक से करें बचाव 

डायबिटीज से देश में सात करोड़ लोग पीड़ित हैं। यह आंखों की बीमारी की पांचवीं बड़ी वजह है। डायबिटीज के मरीजों को चाहिए कि वह साल में एक बार आंखों के पर्दे की जांच जरूर कराएं। इस पर काबू नहीं की तो आंख की...

 डायबिटीज छीन सकती है आपकी आंखों की रोशनी, इलाज की इस नई तकनीक से करें बचाव 
निज संवाददाता,लखनऊ। Mon, 22 Oct 2018 05:36 PM
ऐप पर पढ़ें

डायबिटीज से देश में सात करोड़ लोग पीड़ित हैं। यह आंखों की बीमारी की पांचवीं बड़ी वजह है। डायबिटीज के मरीजों को चाहिए कि वह साल में एक बार आंखों के पर्दे की जांच जरूर कराएं। इस पर काबू नहीं की तो आंख की रोशनी (अंधता) जाने का खतरा काफी बढ़ जाता है। यह जानकारी रविवार को पीजीआई के नेत्र विभाग के वरिष्ठ डॉ. विकास कनौजिया ने दी। 

70 फीसदी तक मरीज आते हैं
पीजीआई नेत्र रोग विभाग की प्रमुख डॉ. कुमुदिनी शर्मा ने बताया कि संस्थान के इंडोक्राइन विभाग से ही रोजाना डायबिटीज के 70 से अधिक मरीज आते हैं। इनमें से 60 से 70 फीसदी डायबिटीज मरीजों में आंख के पर्दे की जांच में दिक्कत मिलती है। यानी कि इन डायबिटीज मरीज की आंख की रोशनी जाने का खतरा रहता है। ऐसे में इनका तुरंत इलाज किया जाता है। दिल्ली से आए कमेटी के चेयरमैन डॉ. ललित वर्मा व महाराष्ट्र ऑप्थॉमोलॉजी के अध्यक्ष डॉ. प्रशांत बावनकुले, पीजीआई के डॉ. ईश भाटिया, डॉ. हिमांशू शुक्ला, डॉ. शोभित चावला, डॉ. अमित पोरवाल, डॉ. मधु भदौरिया, डॉ. राजेश सहाय, डॉ. गौरव निगम, डॉ. शोभित कक्कड़, डॉ. उपसम गोयल, डॉ. संजीव हंसराज, डॉ. समर्थ अग्रवाल, डॉ. कमलजीत सिंह आदि प्रमुख डॉक्टरों ने अपने विचार और सुझाव साझा किए। 
 
इलाज की नई तकनीक 

आल इंडिया ऑप्थॉमोलॉजिकल सोसायटी एकेडमिक एंड रिसर्च कमेटी की ओर से पीजीआई में ह्यडायबिटीज की वजह से अंधता की पहचान और इलाज’ विषय पर सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) का आयोजन हुआ। कमेटी के कोर्स कोऑर्डिनेटर डॉ. विकास कनौजिया ने बताया कि इस सीएमई में उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान और छत्तीसगढ़ से सरकारी व गैर सरकारी डॉक्टर पहुंचे।  बताया गया कि डायबिटीज मरीज की आंख के पर्दे में सूजन आना, आंख के अंदर खून आ जाने से रोशनी जाने का खतरा अधिक रहता है। ऐसे में डॉक्टर को सही से जांच करके तुरंत ही मरीज का बेहतर और नई तकनीक से इलाज शुरू कर देना चाहिए। विकास ने बताया कि सूजन होने पर एक-एक माह पर तीन बार आंख के अंदर इंजेक्शन लगाकर नई तकनीक से बीमारी से बचाव हो सकता है। 

20 फीसदी युवाओं को दिक्कत
पीजीआई के डॉ. दीपेंद्र, डॉ. प्रियदर्शिनी मिश्रा और डॉ. आलोक प्रताप सिंह ने बताया कि 20 फीसदी युवा मरीजों की आंखों में भी दिक्कत आ रही है। यह 20 फीसदी वह युवा मरीज हैं, जो कि डायबिटीज से काफी पीड़ित हैं। उनका शुगर, ब्लड प्रेशर कंट्रोल नहीं रहता है। यह भी बताया कि जिन मरीजों को 10 वर्ष से अधिक समय से डायबिटीज है और वह बीमारी को नियंत्रित नहीं कर पा रहे हैं तो उनमें से 50 फीसदी लोगों की आंख की रोशनी जा सकती है। डायबिटीज के मरीजों को धुंधला दिखता है तो वह तुरंत नेत्र रोग विशेषज्ञ से जांच कराएं। 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें