युवतियों को सोशल साइट से धमका रहे युवक, इस साल दो लाख से ऊपर शिकायतें हुईं दर्ज
फोन की घंटी तो मेसेज का अलार्म बजने पर राजधानी की युवतियों के माथे पर शिकंज और चेहरे पर डर ला देती हैं। 24 घंटे में दूरदाराज कहीं बैठे युवक के अनचाही दोस्ती के पैगाम को न स्वीकारने पर डराने, एसिड...
फोन की घंटी तो मेसेज का अलार्म बजने पर राजधानी की युवतियों के माथे पर शिकंज और चेहरे पर डर ला देती हैं। 24 घंटे में दूरदाराज कहीं बैठे युवक के अनचाही दोस्ती के पैगाम को न स्वीकारने पर डराने, एसिड अटैक भरी दिल को दहला देने वाली धमकियों से युवतियां परेशान हो रही हैं।
बढ़ते अपराध के साथ अपराधों के तरीकों में बदलाव आया है पर इन सबमें एक चीज सामान्य हैं वो हैं युवतियां। जिनको युवक असानी से अपना निशाना बनाकर अलग-अलग सोशल साइट्स पर परेशान कर रहे हैं। साल 2017 के मुकाबले 2018 में 12,637 साइबर बुलिंग के मामले बढ़े हैं की शिकायतें वुमेन पावर हेलपलाइन में दर्ज हुई हैं।
सोशल साइट के जितने फायदे है उतने ही नुकसान भी : सोशल साइट के जितने फायदे है उतने ही नुकसान भी। सोशल मीडिया पर आए दिन हो रही युवतियों के साथ अश्लील हरकतों का दायरा बढ़ता ही जा रहा है। सोशल साइट्स पर जैसे-जैसे यूजर्स की संख्या में इजाफा हुआ है उतनी ही तेजी से युवतियों के साथ अभद्र व्यवहार की शिकायतों में भी इजाफा हुआ है।
टेक्नोलॉजी के दौर में महिलाओं संग होने वाली छेड़खानी के तरीके में फेरबदल हुई है। इन बातों का अंदाजा वीमेन पावर हेल्पलाइन के आंकड़ों में देखने को मिल रहे हैं। पहले पायदान पर व्हाट्सएप तो दूसरे पर फेसबुक और इंस्टाग्राम ने बढ़ती छेड़खानी के मामलों की शिकायतें सबसे ज्यादा दर्ज हुई हैं।
राजधानी की 20 से 25 साल की युवतियां हो रही शिकार
राजधानी में सबसे ज्यादा 20 से 25 साल की स्कूल-कॉलेज जाने वाली 42 प्रतिशत युवतियां सोशल साइट्स पर छेड़खानी का शिकार हो रही हैं। वहीं 15 से 20 साल की युवतियां 24 प्रतिशत, 25 से 30 की युवतियां 18 प्रतिशत, 30 से 40 साल की महिलाएं 11 प्रतिशत, 40 से 50 साल की महिलाएं तीन प्रतिशत और 15 से कम उम्र की युवतियां एक प्रतिशत 50 से अधिक उम्र की महिलाएं एक प्रतिशत छेड़खनी का शिकार सोशल साइट्स पर हो रही हैं।
वीमेन पावर हेल्पलाइन में पिछले दो साल के मुकाबले इस साल सर्वाधिक शिकायतें हुई रजिस्टर्ड
वीमेन पावर हेल्पलाइन में पिछले दो साल की अपेक्षा इस साल सर्वाधिक शिकायतें दर्ज हुई और उनका निस्तारण किया गया। इस साल जनवरी से दिसंबर तक 2,62,645 शिकायतें आई जिसमें 2,41,138 मामलों को निपटाया गया। साल 2016 में जहां 1.98.833 शिकायतें आई उनमें से 1.92.688 का निस्तारण किया गया वहीं साल 2017 में 2.21.943 शिकायतें जिनमें से 2.21.511 का निस्तारण किया गया।
मामले
49 % व्हाट्सएप
40% फेसबुक और इंस्टाग्राम
04 % नेट कालिंग
महिलाएं छात्राएं हैं पीड़ित
52 % छात्राएं
30% घरेलू महिलाएं
17 % कामकाजी
01 % अज्ञात
राजधानी में युवतियों की जागरूकता बढ़ी है जिसके कारण अब युवतियां आगे आकर शिकायतें दर्ज करा रही हैं और उनके शिकायतों का संज्ञान लेकर उनकी मदद की जा रही है। आगे आने वाले समय में वुमेन हेल्पलाइन की तकनीको को और भी बेहतर किया जाएगा जिससे कम समय में ज्यादा से ज्यादा मामलों को निपटाया जा सके।
अंजु गुप्ता, एडीजी, वीमेन पावर हेल्पलाइन