समावेशी और टिकाऊ भविष्य के लिए दिव्यांग व्यक्तियों के नेतृत्व को बढ़ावा देना होगा
Lucknow News - - विश्व दिव्यांग दिवस पर पुनर्वास विश्वविद्यालय में हुई संगोष्ठी लखनऊ, कार्यालय संवाददाता डॉ. शकुंतला

- विश्व दिव्यांग दिवस पर पुनर्वास विश्वविद्यालय में हुई संगोष्ठी लखनऊ, कार्यालय संवाददाता
डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में विश्व दिव्यांग दिवस पर संगोष्ठी हुई। समावेशी और टिकाऊ भविष्य के लिए दिव्यांग व्यक्तियों के नेतृत्व को बढ़ावा देना विषय पर हुई संगोष्ठी में वक्ताओं ने दिव्यांगों की भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया।
मुख्य अतिथि लाल बहादुर शास्त्री संस्कृत विश्वविद्यालय के दृष्टि दिव्यांग आचार्य दयाल सिंह पवार ने कहा कि दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने और समाज में उनकी पूर्ण सहभागिता सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। समावेशी और टिकाऊ भविष्य के लिए दिव्यांग व्यक्तियों के नेतृत्व को बढ़ावा देना हमारे समय की अनिवार्य आवश्यकता है। हमें इस दिशा में एकजुट होकर प्रयास करना होगा, हमारे आंदोलन का मूल सिद्धांत है- हमारे बिना, हमारे लिए कुछ भी नहीं। अध्यक्षता कर रहे पुनर्वास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय सिंह ने कहा कि हमारा विश्वविद्यालय दिव्यांगता के क्षेत्र में अभिनव प्रयोग करने, उनको सुगम वातावरण उपलब्ध कराने, दिव्यांगजनों के उचित सेवायोजन एवं समाज की मुख्य धारा में दिव्यांगजनों को सम्मिलित कराए जाने के लिए संकल्पित हैं। दिव्यांगजनों की समस्याओं का समाधान केवल सरकारी योजनाओं से नहीं हो सकता, इसके लिए समाज के हर वर्ग को अपनी भूमिका निभानी होगी।
मुंबई की टीच संस्था के संस्थापक एवं यशवंत राव केलकर सम्मान से सम्मानित दीपेश नायर ने कहा कि दिव्यांगजन समाज का अभिन्न हिस्सा हैं। हमें उनके सशक्तिकरण के लिए एक ऐसी प्रणाली विकसित करनी चाहिए, जो उनकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए समावेशी हो। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की उपलब्धियों और दिव्यांगजनों के उत्थान के लिए किए गए कार्यों पर आधारित डॉक्यूमेंट्री भी दिखायी गई। इस मौके पर डा कौशिकी सिंह समेत अन्य मौजूद रहे।
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