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जब चुनावी सभाओं में खुद जुटते थे मतदाता

चुनाव आयोग ने अब चुनावी सभाओं में खर्चे का लेखा-जोखा मांगना शुरू कर दिया है। जिसमें श्रोताओं को ढोकर लाने वाले वाहनों का खर्चा भी शामिल है। दो दशक पहले तक ऐसा नहीं होता था। चुनावी सभा में श्रोता अपने...

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बृजेंद्र पटेल,आगरा| Wed, 27 Mar 2019 01:01 PM
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चुनाव आयोग ने अब चुनावी सभाओं में खर्चे का लेखा-जोखा मांगना शुरू कर दिया है। जिसमें श्रोताओं को ढोकर लाने वाले वाहनों का खर्चा भी शामिल है। दो दशक पहले तक ऐसा नहीं होता था। चुनावी सभा में श्रोता अपने वाहनों में सवार होकर या फिर पैदल चलकर सभा स्थल पर पहुंचते थे। 
मौजूदा दौर की चुनावी सभाओं से इतर श्रोता नेताओं को खामोशी से सुनते और बात अच्छी लगाने पर ताली तो बजाते पर वक्ता के समर्थन में नारेबाजी या विरोधी पर कटाक्ष पर हूटिंग से परहेज बरतते थे। वक्ता विरोधी दलों व उनके नेताओं पर शब्द बाण छोड़ते वक्त ध्यान रखता था कि श्रोता उसके समर्थक नहीं, मतदाता हैं। लिहाजा शालीनता की सीमा लांघी तो खुद की खासी किरकिरी हो जाएगी।
साल 1952 में मोतीगंज चुंगी मैदान चुनावी सभा स्थल होता था। साल 1957 में चिम्मन पूड़ी चौराहा पर भी पर सभाएं हुईं। साल 1962 में  पहली बार रामलीला मैदान पर चुनावी सभाएं शुरू हुईं। साल 1967 में बेलनगंज, साल 1962 में चक्की पाट, लोहामंडी चौराहा, राजामंडी चौराहा, फव्वारा, पीपल मंडी तिराहा, धुलियागंज चौराहा, पाय चौकी और घटिया मामू भांजा तिराहा पर चुनावी सभाएं हुईं। आपातकाल के बाद साल 1977 के चुनाव की सभी बड़ी चुनावी सभाएं रामलीला मैदान पर हुईं। साल 1984 में सुभाष पार्क में चुनावी सभा हुई। साल 1989 में शहीद स्मारक, साल 1991 में मंटोला तिराहा, जीआईसी मैदान, कोठी मीना बाजार मैदान, एत्मादउदौला और कमला नगर, साल 1996 में रिंग रोड, शाहगंज, साल 1998 मेंआवास विकास कालोनी, मधु नगर, धनौली, बोदला चौराहा, साल 1999 में टेढ़ी बगिया तिराहा ताजगंज व राजपुर चुंगी और साल 2004 में बल्केश्वर कालोनी, कालिंदी विहार, जयपुर हाउस, खंदारी, संजय प्लेस, साल 2009 में सिकंदरा, जयपुर हाउस, पश्चिमपुरी, शास्त्रीपुरम, प्रकाश नगर, नार्मल ग्राउंड, खेरिया मोड़, ख्वासपुरा, बालूगंज, आजमपाड़ा और साल 2014 में ताज नगरी और फतेहाबाद रोड पर चुनावी सभाएं हुईं।
यादगार चुनावी सभाएं: साल 1972 में रामलीला मैदान पर कांग्रेस की इंदिरा गांधी, साल 1977 में जनता पार्टी के राज नारायन और साल 1980 में लोकदल के चरण सिंह और साल 1989 में जनता दल के वीपी सिंह की बड़ी चुनावी सभाएं हुई। 
ये नेता आए इन सभाओं में
आगरा में चुनावी सभाओं में पंडित जवाहर लाल नेहरू, आचार्य कृपलानी, राम मनोहर लोहिया, अटल बिहारी वाजपेयी, इंदिरा गांधी, जयप्रकाश नारायन, चौधरी चरण सिंह, राज नारायण, हेमवती नंदन बहुगुणा, संजय गांधी, जार्ज फर्नांडीज, चंद्रशेखर, राजीव गांधी, वीपी सिंह, कांशीराम, लालू प्रसाद यादव, शरद यादव, डॉ. फारुख अब्दुल्ला, लाल कृष्ण आडवाणी, गुलाम नवी आजाद, राहुल गांधी, एनडी तिवारी, मुलायम सिंह यादव, कल्याण सिंह, मायावती, राजनाथ सिंह, अखिलेश यादव, सविता अंबेडकर, मायावती, प्रकाश अंबेडकर, शत्रधुन सिन्हा, विनोद खन्ना, दारा सिंह, हेमा मालनी, नवजोत सिंह सिद्धू व चेतन चौहान आदि की चुनावी सभाएं यादगार हैं।  

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