सरयू नहर का बंधा कटने से सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न, गांवों तक पहुंचा पानी
मसकनवा कस्बे के उतरी छोर पर बी पी महाविद्यालय के निकट सरयू नहर खंड चार ब्रांच गोंडा की दाहिनी पटरी कट जाने और रानीजोत और ज्ञानी पुर में रिसाव शुरू होने के कारण सैकड़ों बीघा जमीन जल मग्न हो गई है। नहर...
मसकनवा कस्बे के उतरी छोर पर बी पी महाविद्यालय के निकट सरयू नहर खंड चार ब्रांच गोंडा की दाहिनी पटरी कट जाने और रानीजोत और ज्ञानी पुर में रिसाव शुरू होने के कारण सैकड़ों बीघा जमीन जल मग्न हो गई है। नहर विभाग के दावे की पोल खुल गई है। करोड़ों खर्च करने के बाद भी नहर के पटरी की स्थिति नही सुधरी।
नहर में जैसे ही विभाग द्वारा पानी छोड़ा गया। मंगलवार की शाम नहर की पटरी पर हल्का रिसाव शुरू हुआ और तेज बहाव के कारण देर रात तक नहर की पटरी का बड़ा हिस्सा टूट गया। जिसमें पानी का बहाव रानीजोत के मजरे सहित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय प्राथमिक विद्यालय जूनियर विद्यालय और निर्मल नीर योजना के तहत लगे टंकी तक पहुंच गया। रात में ही ग्रामीणों ने नहर फटने की सूचना प्रभारी निरीक्षक श्याम बहादुर सिंह को और नहर विभाग के अधिकारियों को दी। रात में नहर विभाग के जे ई अनुग्रह राय मौके पर आये देख कर चले गये रात भर नहर की पटरी फटती रही।
इनका हुआ नुकसान:
नहर की पटरी फटने से कौशल किशोर, राधेरमण मिश्र, चन्द्र मणि शुक्ल, जग नारायण शुक्ला, वासुदेव, कल्लू, दुलहन, निहोरे, गजई गुप्ता, दयाराम, दरगाही और विजय के खेतों में जलभराव हो गया। गन्ने और सब्जियों की फसल डूब गई। रानीजोत के मजरे में रिहायशी इलाकों के किनारे जल भराव हो गया है। तेजी से पानी का बहाव बढ़ने से लोगों के घरो में पानी पहुंचने लगा है। जिससे गोलू के घर में रखा बिस्तर गेहूं चावल आटा सहित गृहस्थी का सामान डूब गया। शिव नारायण और राम अजौर का जानवरों के लिए रखा कई कुंतल भूसा लक्ष्मी नारायण का पम्पिंग सेट पानी में डूब गया।
आनंद पाण्डेय, राम अजौर, महाजन, विताने, विजय और लक्ष्मी ने आरोप लगाया कि रात में ही कोई उपाय हो जाता तो नहर के कहर से लोग बच जाते। विभाग की लापरवाही के कारण लोगों में काफी नाराजगी है। हलका लेखपाल शिवकुमार पाण्डेय ने बताया कि नुकसान हुए फसलों का जायजा लिया जा रहा है। एस डी एम वीर बहादुर यादव ने बताया कि विभाग को जानकारी दी गई। जल्द ही बंधे की मरम्मत हो जाएगी।