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मुख्य सचिव ने सर्वे आयुक्त वक्फ से मांगी कब्रिस्तानों की चाहरदीवारी की रिपोर्ट

- रिपोर्ट आने के बाद मौके पर जाकर होगी धांधली की जांच - मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में आई थीं अनियमितताएं - जांच कमेटी बनते ही कार्यदायी संस्थाओं में खलबली मची विशेष संवाददाता राज्य...

मुख्य सचिव ने सर्वे आयुक्त वक्फ से मांगी कब्रिस्तानों की चाहरदीवारी की रिपोर्ट
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊMon, 19 Jun 2017 09:47 PM
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- रिपोर्ट आने के बाद मौके पर जाकर होगी धांधली की जांच - मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में आई थीं अनियमितताएं - जांच कमेटी बनते ही कार्यदायी संस्थाओं में खलबली मची विशेष संवाददाता राज्य मुख्यालय। मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने सर्वे आयुक्त वक्फ से कब्रिस्तानों और अंत्येष्टि स्थलों की चाहरदीवारी में की रिपोर्ट मांगी है। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा नियुक्त तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने 12 कालम का प्रोफार्मा फाइनल किया गया है। इस प्रोफार्मा पर रिपोर्ट आने के बाद जांच कमेटी धांधली की शिकायतों की जांच मौके पर जाकर करेगी। जांच कमेटी बनते ही कार्यदायी संस्थाओं में खलबली मच गई है। खास बात यह है कि पूर्व सरकार में 1200 करोड़ रुपये खर्च करके कब्रिस्तानों और अंत्येष्टि स्थलों की चाहरदीवारी कराई गई थी। इसमें धांधली की शिकायतें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में आने के बाद उनके निर्देश पर इसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई थी। इस जांच कमेटी में विशेष सचिव नागरिक उड्डयन सूर्यपाल गंगवार अध्यक्ष, मुख्य अभियंता सिविल लेवल-2 लोक निर्माण विभाग योगेंद्र कुमार गुप्ता और सुनील चौधरी अधीक्षण अभियंता मुख्यालय यूपी आवास विकास परिषद लखनऊ सदस्य के रूप में शामिल हैं। इसके आदेश मुख्य सचिव राहुल भटनागर जारी कर चुके हैं। जांच कमेटी भी इस मामले में तत्काल सक्रिय हो गई है। जांच कमेटी की पहली बैठक एनेक्सी सचिवालय में विशेष सचिव नागरिक उड्डयन सूर्यपाल गंगवार की अध्यक्षता में हुई जिसमें कमेटी के दोनों सदस्य सुनील चौधरी और योगेंद्र कुमार गुप्ता शामिल हुए। जांच कमेटी ने अपनी पहली बैठक में तय किया कि जिलावार रिपोर्ट आने के बाद यह देखा जाएगा कि धांधली की शिकायतें कहां-कहां से आईं हैं। उसके बाद वहां मौके पर जाकर जांच कमेटी जांच करेगी और मुख्य सचिव को अपनी रिपोर्ट देगी। उसके बाद धांधली पाए जाने के मामलों में सरकार द्वारा कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में मुख्य सचिव ने सभी डीएम को निर्देश दे दिए हैं। जांच कमेटी द्वारा यह देखा जाएगा कि अविवादित जमीन पर चाहरदीवारी बनाई गई है या नहीं। साथ ही निर्माण के रेट क्या हैं। गुणवत्ता कैसी है। इसके अलावा अन्य पहलुओं की जांच की जाएगी।

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