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एसटीएफ को डकैत समझ घेर लिया था ग्रामीणों ने, भाग निकले अपहरणकर्ता

एसटीएफ और पुलिस एक दूसरे से खेलते रहे आंख मिचौली फरार अपहरणकर्ताओं की तलाश

एसटीएफ को डकैत समझ घेर लिया था ग्रामीणों ने, भाग निकले अपहरणकर्ता
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊWed, 09 Jun 2021 11:20 PM
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एसटीएफ और पुलिस एक दूसरे से खेलते रहे आंख मिचौली

फरार अपहरणकर्ताओं की तलाश में छापे, दो हिरासत में

वकील की पत्नी के अपहरण का मामला

लखनऊ। मुख्य संवाददाता

सुशांत गोल्फ सिटी से हाईकोर्ट के एक वकील की पत्नी को अपहरण करने वाले बदमाशों की घेराबंदी करने जब एसटीएफ की टीम मोहनलालगंज पहुंची तो ग्रामीणों ने डकैत समझ कर घेर लिया था। इस बीच ही स्थानीय पुलिस कन्ट्रोल रूम से सूचना मिलने पर वहां पहुंच गई थी। पुलिस की अचानक सरगर्मी बढ़ते देख कुछ दूरी पर मौजूद अपहरणकर्ता फरार हो गये। इस बीच अपहरणकर्ताओं का मददगार संतोष चौबे ही हाथ लगा। संतोष ने आरोपियों के बारे में कई जानकारियां मिलने के बाद एसटीएफ और कमिश्नरेट पुलिस ने कई जगह दबिश दी। इस दौरान दो लोग हिरासत में लिये गये हैं। इनमें से एक व्यक्ति ने अपहरण में इस्तेमाल पुरानी कार बदमाशों को दी थी।

कार में बैठाते ही बोरे से सिर ढक दिया था

पीड़िता को सकुशल छुड़ाने के बाद अफसरों ने उससे काफी देर तक पूछताछ की। पीड़िता ने बताया कि उसे कार में बैठाते ही दो लोगों ने उनके चेहरे पर बोरा ओढ़ा दिया था। अपहरण करने वाले युवक संतोष को फौजी कह रहे थे। एसटीएफ को पता चला था कि संतोष किराये के मकान में रहता था और एसआई व सेना में भर्ती की तैयारी कर रहा था। इस वजह से दोस्त उसे फौजी कहते थे।

बिजली मिस्त्री बनकर पहुंचे थे डिप्टी एसपी

वकील को संतोष चौबे पीड़िता के फोन से ही फिरौती के लिये फोन करता था। वह घर से निकल कर कुछ दूरी पर खेत में जाता, फिर काल करने के बाद फोन बंद कर लेता था। उसने दो दिन में 16 कॉल की थी। इस बीच ही वकील से जब 25 लाख रुपये फिरौती देने की बात तय हो गई तो उसने आठ जून की रात आठ बजे तक हर हाल में रुपये देने को कहा। पत्नी सकुशल है, इस बारे में पूछने पर अपहरणकर्ताओं ने उनका एक वीडियो वकील को भेजा था। इस बीच ही एसटीएफ के डिप्टी एसपी दीपक सिंह व उनकी टीम के इंस्पेक्टर खम्भे पर लगी लाइट सही करने के बहाने इलाके में गये। इस दौरान ही संतोष उन्हें बार-बार अपने कमरे की लाइट जला कर छत पर आते-जाते दिखा। उसकी हरकत संदिग्ध दिखी तो टीम पड़ोस के मकान से छत पर पहुंची थी। इस दौरान ही सादे कपड़ों में आठ-10 लोगों को पिस्टल के साथ देखकर लोगों ने डकैत समझ लिया था। एसटीएफ ने पुलिस की मदद से पीड़िता को छुड़ा लिया था।

मुख्य साजिशकर्ता बबलू ने रुपयों के लिये रची साजिश

संतोष ने बताया कि उसे सिर्फ निगरानी के लिये कहा गया था। इसके बाद उसे दो से तीन लाख रुपये देने का लालच दिया गया था। उसने कुबूला कि अपहरण की साजिश अम्बेडकरनगर निवासी बबलू व रोहित ने रची थी। इस साजिश में उसके अलावा नौ लोग थे। ये सभी फरार है। इनमें पांच आरोपी मोहनलालगंज के ही रहने वाले हैं।

एक सिपाही भी शक के दायरे में

सूत्रों का कहना है कि पुलिस जब भी इलाके में जाती थी तो अपहरणकर्ता को पता चल जाता था। अपहरणकर्ताओं को पुलिस के हर कदम की जानकारी देने में एक सिपाही का हाथ माना जा रहा है। हालांकि पुलिस अधिकारी इससे इनकार कर रहे है। पर, इस बात की पड़ताल की जा रही है। यह सिपाही दो चौकियों पर तैनाती के दौरान तेल चोरी करने को लेकर चर्चा में रहा है।

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