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विकासनगर से लापता युवक नासिक में होटल पर काम करता मिला

युवक के न मिलने पर पुलिस के खिलाफ सड़क जाम की थी परिजनों ने

विकासनगर से लापता युवक नासिक में होटल पर काम करता मिला
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊMon, 15 Oct 2018 10:17 PM
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बोला-लॉकर से निकाला नेकलेस चोरी हो गया था, इस डर से ही खुद भाग गया था नासिक युवक के न मिलने पर पुलिस के खिलाफ सड़क जाम की थी परिजनों ने एसटीएफ को सौंपी गई थी जांच, झूठ बोलकर खूब दौड़ाया पुलिस को लखनऊ। प्रमुख संवाददाता विकास नगर से दो महीने से लापता अमन श्रीवास्तव उर्फ कपिल (36) नासिक में एक होटल पर साढ़े सात हजार रुपये की पगार पर नौकरी कर रहा था। उसका पता लगाने में विकास नगर पुलिस के फेल होने पर एसटीएफ को जांच में लगाया था। एसटीएफ ने सर्विलांस व उसके दोस्तों से पूछताछ के आधार पर उसे नासिक से सकुशल बरामद कर लिया। अमन ने खुलासा किया कि वह बैंक में अपने लॉकर से नेकलेस लेकर निकला था, यह रास्ते में चोरी हो गया तो वह घर वालों की नाराजगी से डरकर पहले अपने दोस्त, फिर नासिक भाग गया था। अलीगंज के सेक्टर एल निवासी नीरू बाला ने सात अगस्त को विकास नगर थाने में सूचना दी थी कि उनका बेटा अमन श्रीवास्तव अमीनाबाद में लाटूश रोड स्थित ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स से अपने लॉकर से जेवर निकालने गया था। वहां से लौटते समय उसने कैसरबाग में होने की जानकारी दी थी। इसके बाद उसका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया था। पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो सामने आया कि अमन अपने मित्र अरुण रावत से मिलने बाराबंकी चला गया। बाराबंकी से सूरजगंज पहुंचा जहां उसने अपना सिमकार्ड निकाल कर फेंक दिया। यहां से वह पालीटेक्निक चौराहे आया। विरोध के बाद एसटीएफ को सौंपी गई जांच इसके बाद पुलिस उसका कुछ सुराग नहीं लगा सकी। विकास नगर पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए घर वालों ने विकास नगर में सड़क जाम कर प्रदर्शन किया था। इसके बाद ही डीजीपी ने एक अक्तूबर को इसकी जांच एसटीएफ को सौंप दी थी। नासिक में होटल में काम कर रहा था एसटीएफ एसएसपी ने डिप्टी एसपी पीके मिश्र और इंस्पेक्टर अंजनी तिवारी व एसआई अंजनी तिवारी को पड़ताल में लगाया। इसके बाद ही पता लगा कि वह नासिक के कोकनगांव स्थित साईं श्रद्धा होटल में काम कर रहा है। एसटीएफ ने इस होटल से उसे बरामद कर लिया। उसने बताया कि जब लॉकर से जेवर निकाल कर वह रास्ते में रुका तो किसी ने उसकी डिग्गी से नेकलेस निकाल लिया। इस पर वह घबरा गया कि अब वह घर वालों को क्या जवाब देगा। इसके बाद ही उसने कैसरबाग में एटीएम से 30 हजार रुपये निकाले और दोस्त अरुण के पास बाराबंकी चला गया। यही पर उसने शराब भी पी। पुलिस का फोन आया तो भाग निकला अमन के मुताबिक उसके दोस्त अरुण के पास कैसरबाग पुलिस का फोन आया और उसके बारे में पूछा जाने लगा। उसने दोस्त को इशारा कर कुछ भी बताने से मना कर दिया। इसके बाद ही वह वहां से चला गया। रास्ते में सिम फेंक दिया था। लखनऊ से दिल्ली, फिर वहां से शिरडी चला गया। साईं बाबा के दर्शन करने के बाद लौटते समय गणेश नाम का कुक मिला। उसने ही उसे साईं श्रद्धा होटल में मालिक नामदेव चुन्नीलाल से बात कर काम पर लगवा दिया था। एसटीएफ अब यह पता कर रही है कि क्या वास्तव में भाग जाने की यही वजह थी। उधर घर वालों ने अमन की सकुशल बरामदगी पर एसटीएफ की सराहना की है।

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