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विहिप राम मंदिर के लिए केंद्र सरकार पर नहीं बनायेगी दबाव

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विहिप राम मंदिर के लिए केंद्र सरकार पर नहीं बनायेगी दबाव
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊWed, 21 Mar 2018 07:31 PM
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विहिप राम मंदिर के लिए केंद्र पर नहीं बनायेगी दबाव

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अंतरराष्ट्रीय संगठन महामंत्री दिनेश चन्द्र बोले- सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केन्द्र सरकार पर डालेंगे दबाव

मंदिर निर्माण की बाधाओं को दूर करने की करेंगे मांग, अधिग्रहीत परिसर में राम जन्म भूमि न्यास की 45 एकड़ भूमि भी लेंगे वापस

अयोध्या कमलाकान्त सुन्दरम

उत्तर प्रदेश में फूलपुर व गोरखपुर लोकसभा के उप चुनाव के परिणामों के बाद भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व संघ परिवार व विहिप नेतृत्व को जातिय समीकरणों का महत्व समझाने में कामयाब हो गया है। यही कारण है कि विहिप नेतृत्व ने राम मंदिर निर्माण को लेकर केन्द्र सरकार पर फिलहाल दबाव न बनाने का निश्चय किया है। इसी के चलते विहिप नेतृत्व ने यूटर्न लेते हुए संसद में कानून बनाने के अपने फैसले से कदम पीछे खींच लिया है।

विहिप के अंतरराष्ट्रीय संगठन महामंत्री दिनेश चन्द्र ने बुधवार को संवाददाताओं के बीच नए फैसले की जानकारी देते हुए एलान किया कि संगठन अब सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय का इंतजार करेगी। मणिराम छावनी में संवाददाताओं से बातचीत के पहले अंतरराष्ट्रीय संगठन महामंत्री दिनेश चन्द्र व विहिप के अन्य अधिकारियों ने श्रीराम जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास सहित अयोध्या के विशिष्ट संत महंतों के साथ गोपनीय बैठक कर सुप्रीम कोर्ट में चल रही कार्यवाही की जानकारी दी। इसके साथ उम्मीद जताई कि कोर्ट का फैसला जल्द से जल्द आ जाएगा। उन्होंने यह भरोसा जताया कि कोर्ट का फैसला राम मंदिर के पक्ष में ही आएगा। विहिप पदाधिकारी न्यास अध्यक्ष सहित दूसरे संत-महंतों को यह समझाने में भी सफल रहे कि उन्हें केन्द्र सरकार को असमंजस में डालने के बजाए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए।

विहिप ने अपनी कामयाबी को दर्शाने के लिए संवाददाता सम्मेलन में संत-महंतों को भी शामिल किया। विहिप महामंत्री दिनेश चन्द्र ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर मामले पर 11 अगस्त 2017 को सुनवाई शुरु हुई थी। वहीं 14 मार्च 2018 को करीब दो घंटे सुनवाई की गई। अगली तिथि 23 मार्च तय की गई है। उन्होंने कहा कि हमें पूर्ण विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले की दिन- प्रतिदिन सुनवाई कर सकता है। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि मामले को जमीन विवाद के रूप में सुनेंगे और प्रमुख पक्षकारों को ही सुनेंगे।

अंतरराष्ट्रीय संगठन महामंत्री दिनेश चन्द्र ने सफाई दी कि कोर्ट में विहिप कोई पक्षकार नहीं है, बल्कि श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के आंदोलन की सहयोगी संस्था है। उन्होंने कहा कि विहिप संतों के निर्देशन में काम करती रही है और आगे भी यही करेगी। उन्ह़ोंने बिना नाम लिए कहा कि श्रीश्री रविशंकर एवं वसीम रिजवी की ओर से किए जा रहे समझौता प्रयासों से विहिप का कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निर्माण पूर्व निर्धारित माडल व पूजित शिलाओं के अलावा तराशे गए पत्थरों से कराने के लिए जो भी हमारा समर्थन करेगा हम उसका स्वागत करेंगे।

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