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पोस्टमार्टम रिपोर्ट में तेंदुए के पेट में कुछ नहीं मिला

- मारा गया तेंदुए की उम्र लगभग पांच साल और वजन लगभग 50 किग्रा था

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में तेंदुए के पेट में कुछ नहीं मिला
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊSun, 18 Feb 2018 10:50 PM
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-देर रात वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी गई तेंदुए की पीएम रिपोर्ट

- मारा गया तेंदुए की उम्र लगभग पांच साल और वजन लगभग 50 किग्रा था

चार दिन से भूखे तेंदुए का पेट पूरी तरह से खाली था। खाने की तलाश में जब वह वन विभाग के जाल को तोड़ कर बाहर निकला तो पुलिस की गोली का शिकार हो गया। दो गोलियां उसके शरीर के आर-पार हो गई थी। यह बात राजधानी के औरंगाबाद खालसा क्षेत्र में शनिवार को मारे गए तेंदुए की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से सामने आयी है। यह रिपोर्ट रविवार की वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को भेज दी गई। तेंदुए को लगी गोलियों की बरामदगी के बारे में कोई कुछ बताता नजर नहीं आ रहा है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट बनाने में हुई देरी का कारण मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ पीपी सिंह के सुबह से सघन दौरे के कारण उनका उपलब्ध न हो पाना बताया गया। रिपोर्ट में बताया गया है कि तेंदुए की मौत गोली लगने से हुई है। गोली उसके शरीर को भेदते हुए आर-पार हो गई। एक गोली उसकी किडनी को डैमेज करते हुए पार हो गई तो दूसरी दूसरी पेट का फाड़ते हुए निकल गई। ऐसे में अत्यधिक खून बहने से उसकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बारे में प्रमुख वन सरंक्षक वन्य जीव एसके उपाध्याय ने बताया कि मारा गया तेंदुआ पूरी तरह से स्वस्थ था। इसकी उम्र लगभग पांच साल और वजन लगभग 50 किग्रा था।

भूख के कारण तेंदुआ जाल तोड़कर बाहर निकला

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में तेंदुए के पेट से किसी तरह का खाद्य पदार्थ नहीं था। तीन दिन से भूख के मारे ही तेंदुआ जाल तोड़कर बाहर निकला और गांव की तरफ लपका। बीते 15 और 16 फरवरी को वह पूरी तरह से वह वन विभाग की कैद में रहा। शिकार की तलाश में शहर तक पहुंचे तेंदुए का कहीं अन्य कोई शिकार किया हुआ हिस्सा भी नहीं मिला है। इससे यह अनुमान है कि इसके पहले भी वह दो दिन भूखा रहा होगा। जब उसमें भूखा रहने की सहनशक्ति खत्म हो गई तो वह खाने की तलाश में जालों का काटते हुए औरंगाबाद गांव की तरफ भागा लेकिन उसके पीछे गांव के लोग और पुलिस वाले दौड़ पड़े। इस दौरान भी उसे खाने के लिए कुछ नसीब नहीं हो सका। इस बीच जब वह उग्र हुआ और पुलिस पर हमला किया तो उस पर फायरिंग कर दी गई जिससे उसकी मौत हो गई।

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तेंदुए के शरीर पर गोलियों के घाव मिले हैं. उसकी मौत का कारण अत्यधिक रक्त बहना है।

एसके उपाध्याय

प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव

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पोस्टमार्टम रिपोर्ट

तेंदुआ-मेल

उम्र-लगभग पांच साल

वजन-लगभग 50 किलो

घाव- गोलियों के घाव मिले हैं

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उसके शरीर में दो गालियां मारी गई हैं जो आर-पार हो गई है

- एक गोली बाएं कंधे से घुसते हुए किडनी को डैमेज करते हुए दूसरी तरफ निकल गई

- दूसरी गोली पेट के निचले हिस्से को फाड़ते हुए पार हो गई

- आर-पार होने के कारण तेंदुए के शरीर गोलियों से होने वाले चार घाव मिले हैं

- तेंदुए के पेट में कुछ भी नहीं मिला

- तेंदुए को लगी गोलियां बरामद नहीं हुई हैं

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बयान लेने नहीं पहुंचे वन अधिकारी

वन विभाग ने तेंदुए की मौत के बाद एक कमेटी का गठन इस घटना की जांच के लिये किया था। वन विभाग में मुकदमा दर्ज कराकर मामले की जांच के लिये बयान लिये जाने थे। घटना के बाद रविवार को कोई भी जांच टीम या वन अधिकारी औरंगाबाग खालसा नहीं गया।

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जो भी हो रहा है पूर्ण रूप से गलत: कामना पाण्डेय

एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया की पूर्व सदस्य कामना पाण्डेय ने शनिवार सुबह तेंदुए की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए कि वो (तेंदुआ) भूखा था, फिर भी उसने किसी पर हमला नहीं किया था। लोगों ने उसपर हमला किया और उसके पीछे-पीछे डण्डा और हथियार लेकर दौड़ रहे थे। वो लोगों के पीछे नहीं था लोग उसके पीछे भाग रहे थे। इस घटना से संबंधित जो वीडियो और फोटो प्रकाश में आये हैं उसमें भी भागो-भागो कोई नहीं कह रहा था लोग मारो-मारे कह रहे थे। जो भी हो रहा है पूरी तरह से गलत है।

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