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शोभायात्रा से उत्तरायणी कौथिग का आगाज, पर्वतीय संस्कृति की दिखेगी झलक

- महानगर रामलीला मैदान से निकाली गई कौथिग की शोभायात्रा - गोमा किनारे 10

- महानगर रामलीला मैदान से निकाली गई कौथिग की शोभायात्रा 
 - गोमा किनारे 10
1/ 4- महानगर रामलीला मैदान से निकाली गई कौथिग की शोभायात्रा - गोमा किनारे 10
- महानगर रामलीला मैदान से निकाली गई कौथिग की शोभायात्रा 
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 - गोमा किनारे 10
4/ 4- महानगर रामलीला मैदान से निकाली गई कौथिग की शोभायात्रा - गोमा किनारे 10
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊSun, 15 Jan 2023 01:30 AM
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- महानगर रामलीला मैदान से निकाली गई कौथिग की शोभायात्रा

- गोमा किनारे 10 दिन रहेगा पर्वतीय संस्कृति का नजारा

- डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने किया सांस्कृतिक संध्या का उद्घाटन

लखनऊ। संवाददाता

गोमती किनारे उत्तरायणी कौथिग का आगाज शनिवार को निकाली गई शोभायात्रा से हो गया है। अब 10 दिन तक शहर के बीचोबीच पर्वतीय संस्कृति की छटा बिखरी रहेगी। शाम को सांस्कृतिक संध्या का उद्घाटन करते हुए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि महापरिषद बच्चों में पर्वतीय संस्कृति को जीवित रखने, आगे बढ़ाने की दिशा में हमेशा से काम करता आ रहा है।

पर्वतीय महापरिषद की ओर से बीरबल साहनी मार्ग पर उपवन में उत्तरायणी कौथिग मेले की शुरुआत महानगर रामलीला मैदान से निकली भव्य शोभायात्रा से हुई। लंबी शोभायात्रा में कल्याणपुर, गोमती नगर, सरोजनी नगर, सीतापुर रोड, तेलीबाग व अन्य क्षेत्रों से आए सांस्कृतिक दल शामिल हुए। शोभा यात्रा को महापौर संयुक्ता भाटिया, पर्वतीय महापरिषद के मुख्य संयोजक टीएस मनराल, संयोजक केएन चंदोला, अध्यक्ष गणेश चंद जोशी, महासचिव महेंद्र सिह रावत, संरक्षक भवान सिंह रावत, प्रो. आरसी पंत, एनके उपाध्याय, नंदन सिंह बोरा, उपाध्यक्ष मोहन सिंह मोना, सुमन रावत ने हरी झंडी दिखाकर रवाना की। सबसे आगे उत्तराखंड के भगवान बागनाथ मंदिर से आई ज्योति रही। उसके बाद महंत देव्यागिरि का रथ, पुरुहितों का रथ, उत्तराखंड का प्रसिद्ध छोलिया दल, सैनिकों का रथ, श्रीराम दरबार की झांकी, गढ़वाल कुमाऊं की वेशभूषा व उत्तराखंड की शौका संस्कृति झांकी, कल्याणपुर व जोहार संस्कृति का दल, नन्दा राजजात यात्रा की झांकी आदि रहे।

उत्तराखंड के वाद्ययंत्रों की प्रस्तुति

शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उन्हें महापरिषद के पदाधिकारियों ने पुष्पगुच्छ व प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। दिल्ली से आए चंदन दल ने वाद्ययंत्र व उत्तराखंडी गीतों पर शानदार प्रस्तुतियां देकर सभी को नाचने पर मजबूर कर दिया। भीषण सर्दी में भी रात तक मेले में दर्शक पहुंचते रहे। स्टाल प्रभारी रविंद्र सिंह व सह प्रभारी गोपाल सिंह गौलाकोटी ने बताया कि कौथिग में विभिन्न खाद्य पदार्थों के स्टाल जैसे उत्तराखंड की बाल मिठाई, बुरांश, संतरे, माल्टे का जूस के अलावा मडुवे का आटा, बीमारियों की रामबाण दवा गहत दाल, झवरा, सोयाबीन, काले भटट, तोर, राई की दाल, जखिया आदि हैं।

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