धड़ाधड़ होने लगे बिजली इंजीनियरों के निलंबन, संघर्ष समिति ने चेताया
Lucknow News - लखनऊ, विशेष संवाददाता बिजली कंपनियों के निजीकरण के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन

लखनऊ, विशेष संवाददाता बिजली कंपनियों के निजीकरण के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबंधन और विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति आमने-सामने की लड़ाई लड़ते नजर आ रहे हैं। पावर कारपोरेशन चेयरमैन के निर्देश के बाद पहले पूर्वांचल में तीन एक्सईएन के निलंबन के बाद शुक्रवार को पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम की एमडी ने एक एसई, चार एक्सईएन और 22 जेई को निलंबित कर दिया है। जिसके जवाब में संघर्ष समिति ने इसे मनमानी कार्रवाई करार देते हुए इस पर अंकुश लगाने की मांग की है, अन्यथा की स्थिति में तीखी प्रतिक्रिया की चेतावनी दी है।
निलंबन की कार्रवाइयों पर संघर्ष समिति ने प्रबंधन को चेताया
संघर्ष समिति ने शुक्रवार को गोरखपुर में आयोजित बिजली पंचायत में प्रबंधन द्वारा किए जा रहे निलंबन और अन्य कार्रवाइयों का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि विफलताओं से प्रबंधन में बौखलाहट है। पावर कारपोरेशन के चेयरमैन के साथ ही पूर्वांचल व पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक मनमाने ढंग से निलंबन और दंडित कर भय का वातावरण बना रहे हैं। यह बिजली कर्मियों को उकसाने वाला कदम है। पदाधिकारियों ने कहा है कि यदि प्रबंधन की इस मनमानी पर अंकुश नहीं लगाया गया तो इसकी तीखी प्रतिक्रिया होगी और गंभीर परिणाम होंगे।
मध्यांचल निगम में भी कुछ इंजीनियरों के निलंबन की तैयारी
दो दिन पूर्व उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन डा. आशीष कुमार गोयल ने समीक्षा बैठक के दौरान राजस्व वसूली और एक्मुश्त समाधान योजना में अपेक्षित प्रदर्शन नहीं करने वाले कार्मिकों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद सबसे पहले पूर्वांचल निगम के एमडी ने जौनपुर जिले के तीन एक्सईएन को निलंबित करने का आदेश जारी किया। अब पश्चिमांचल की एमडी ने एक साथ 27 को निलंबित कर दिया है। सूत्र बताते हैं कि मध्यांचल विद्युत वितरण निगम में भी चार एक्सईएन को निलंबित करने की सूची तैयार की गई है। यह संख्या और बढ़ भी सकती है। दक्षिणांचल और केस्को से अभी इस तरह की कोई सूचना नहीं है।
लगातार सीएम के प्रति विश्वास जता रहे हैं इंजीनियर
निजीकरण के विरोध में आंदोलनरत संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के साथ ही अन्य इंजीनियर अब कार्यक्रमों में लगातार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति पूरा विश्वास व्यक्त कर रहे हैं। वहीं पावर कारपोरेशन प्रबंधन पर औद्योगिक अशांति का वातावरण बनाने का आरोप मढ़ रहे हैं। निजीकरण के विरोध में एक जनवरी को काली पट्टी बांधकर विरोध का इजहार का फैसला संघर्ष समिति ने लिया है।
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