UPSSSC : भर्ती परीक्षाओं में धांधली रोकने के लिए अब अलग-अलग एजेंसियों को जिम्मेदारी
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती परीक्षाओं में धांधली रोकने के लिए अब अलग-अलग एजेंसियों को जिम्मेदारियां देगा। उदाहरण के लिए प्रश्नपत्र तैयार करने से लेकर ऑप्टिकल मार्क रीडर (ओएमआर) शीट के...
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती परीक्षाओं में धांधली रोकने के लिए अब अलग-अलग एजेंसियों को जिम्मेदारियां देगा। उदाहरण के लिए प्रश्नपत्र तैयार करने से लेकर ऑप्टिकल मार्क रीडर (ओएमआर) शीट के स्कैनिंग की जिम्मेदारी दूसरी एजेंसियों को दी जाएगी। इसके साथ ही चयनितों की संख्या दोगुनी होने पर मेरिट सूची की फिर से जांच कराई जाएगी।
आयोग के अध्यक्ष प्रवीर कुमार की अध्यक्षता में हुई असाधारण बैठक में यह फैसला हुआ। इसमें तय किया गया है कि पालीवाल समिति की संस्तुतियों के आधार पर प्रश्नपत्र तैयार करने से लेकर परीक्षाओं के संचालन तक, ओएमआर शीट की स्कैनिंग से लेकर स्कोर प्राप्त करने तक व मेरिट सूची के आधार पर अनंतिम रूप से चयनित अभ्यर्थियों की कोषागार में रखी गई ओएमआर शीट का मूल ओएमआर से मिलान कर फाइनल स्कोर तैयार करने का काम अलग-अलग कार्यदायी संस्थाओं यानी एजेंसियों को दिया जाएगा।
यह भी तय किया गया कि भविष्य में मूल ओएमआर शीट की स्कैनिंग व उसके आधार पर परीक्षा स्कोर तैयार करने संबंधी काम समानांतर रूप से किसी दूसरी कार्यदायी संस्था से भी करा लिया जाए। मेरिट सूची के आधार पर अनंतिम रूप से चयनित अभ्यर्थियों की संख्या दोगुनी होने पर मेरिट सूची में स्थान प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों की कोषागार में रखी गई ओएमआर शीट का मूल ओएमआर शीट से मिलान करने के बाद अंतिम परीक्षाफल तैयार किया जाएगा। किसी भी स्तर पर यदि कोई मानवीय त्रुटि अथवा अनियमितता सामने आती है, तो समय से उसका निराकरण व समाधान कराया जाएगा।
इसके साथ ही प्रकरण में अपेक्षित विधिक कार्यवाही भी की जाएगी। आयोग द्वारा यह भी फैसला किया गया है कि परीक्षाओं के आयोजन संबंधी सभी कार्यवाही समयबद्ध ढंग से पूर्ण की जाएगी। किसी कार्यदायी संस्था द्वारा यदि किसी भी स्तर पर अनावश्यक विलंब किया जाता है तो अनुबंध में आर्थिक दंड तय करने का भी प्रावधान किया जाएगा।