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यूपी : सावन के पहले सोमवार पर शिवालयों पर उमड़ी अपार भीड़ Video

पवित्र माह सावन के प्रथम सोमवार पर पूरा यूपी शिवमय हो गया। भगवान भोले की भक्ति में शिवालयों में भोर से ही कतारें लग गईं। लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर, गोंडा के पृथ्वीनाथ मंदिर,दुखहरण नाथ मंदिर, बाराबंकी...

सावन के पहले सोमवार पर लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर, गोंडा के पृथ्वीनाथ मंदिर,दुखहरण नाथ मंदिर, बाराबंकी के लोधेश्वर मंदिर ,श्रावस्ती में विभूति नाथ मंदिर और अंबडेकरनगर के शिवबाबा धाम सहित अन्य जिलों के शिवालयों में अपार भीड़ उमड़ी। 
1/ 5सावन के पहले सोमवार पर लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर, गोंडा के पृथ्वीनाथ मंदिर,दुखहरण नाथ मंदिर, बाराबंकी के लोधेश्वर मंदिर ,श्रावस्ती में विभूति नाथ मंदिर और अंबडेकरनगर के शिवबाबा धाम सहित अन्य जिलों के शिवालयों में अपार भीड़ उमड़ी। 
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हिन्दुस्तान टीम,लखनऊ। Mon, 22 Jul 2019 06:08 PM
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पवित्र माह सावन के प्रथम सोमवार पर पूरा यूपी शिवमय हो गया। भगवान भोले की भक्ति में शिवालयों में भोर से ही कतारें लग गईं। लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर, गोंडा के पृथ्वीनाथ मंदिर,दुखहरण नाथ मंदिर, बाराबंकी के लोधेश्वर मंदिर ,श्रावस्ती में विभूति नाथ मंदिर और अंबडेकरनगर के शिवबाबा धाम सहित अन्य जिलों के शिवालयों में अपार भीड़ उमड़ी। 

गोंडा: आज सावन के पहले सोमवार को शहर के प्राचीन दुखहरणनाथ मंदिर में शिवभक्तों ने सुबह 5 बजे से जलाभिषेक शुरू किया। शुरुवात भोर की शिवआरती से हुई। जैसे जैसे भोर का धुंधलका मिटता गया, शिवभक्तों का रेला बढ़ता गया। महंत रुद्र नारायण ने बताया कि काफी भीड़ हो जाती इसलिए मंदिर के अंदर जलाभिषेक स्थल की व्यवस्था कुछ अनुशासित शिवभक्तों और युवाओं को दी गई है।

वहीं पौराणिक एवं ऐतिहासिक पृथ्वीनाथ भीमेश्वर महादेव सावन के पहले सोमवार को अपार भीड़ उमड़ पड़ी।तीसरे पहर से पूरा मंदिर परिसर भक्तिमय हो गया और जलाभिषेक के लिए होड़ लग गई। बारी बारी से भक्तों ने जलाभिषेक किया।पुलिस बल चप्पे चप्पे पर मुस्तैद रही।  

 बाराबंकी: महाभारत कालीन इतिहास को समेटे बाराबंकी मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर ऐतिहासिक लोधेश्वर महादेव मंदिर में सावन के पहले सोमवार पर लाखों शिव भक्तों ने पहुंचकर जलाभिषेक किया।

आधी रात के बाद खुल गए थे कपाट :  लोधेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन पूजन के लिए रविवार की दोपहर से ही श्रद्धालुओं के आने का क्रम शुरू हो गया था। रात 12:00 बजे 50  हजार से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने के बाद प्रशासन द्वारा मंदिर के कपाट खोल दिए गए। अभरण तालाब में स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं की लंबी कतार मंदिर में लग गई। बम भोले और हर हर बम बम की गूंज चारों ओर सुनाई दे रही थी। हजारों की संख्या में कांवरियों के साथ श्रद्धालु हाथों में  जल का लोटा लेकर जल का लोटा लेकर भीषण उमस भरी गर्मी मैं घंटों कतार में खड़े रहे। गर्भ गृह से लेकर मेला परिसर तक सुरक्षा कर्मी मुस्तैद रहें। जलाभिषेक के बाद महिला श्रद्धालु हुआ बच्चों ने मेले का भी जमकर लुफ्त उठाया। जमकर खरीदारी की। मंदिर में श्रद्धालुओं के आने का क्रम थमता नजर नहीं आ रहा था।

सुलतानपुर - सोमवार को शहर समेत ग्रामीणांचल के सभी शिव मंदिरों में विशेष पूजा पाठ का आयोजन किया गया है। ऐसा माना जाता है कि सावन माह में भगवान शिव की अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसती है। इस माह पड़ने वाले सोमवार को बड़ी संख्या में भक्त व्रत रखते हैं और सुख समृद्धि और शांति की कामना करते हैं।

इसी महात्म्य को लेकर सावन माह के पहले सोमवार को जिले के शिवालय में भारी भीड़ उमड़ी। शहर के पारिजात (कल्पवृक्ष) धाम सीताकुंड धाम, कुड़वार नाका स्थित शिव मंदिर, रामलीला मैदान स्थित शिवालय, पुलिस लाइन स्थित शिवालय, विनोबापुरी के महाकालेश्वर मंदिर समेत जिले भर के शिवालयों में सोमवार को सुबह से ही भीड़ रही । लंभुआ के पौराणिक धर्मस्थली बाबा जनवारी नाथ धाम पर कई जिलों से श्रद्धालु जलाभिषेक किया। जगह-जगह बाबा धाम को जाने वाले कांवरियों को प्रसाद वितरित किया गया। 

कर्मयोगीनगर गोराबारिक में स्थित श्री ओंकारेश्वर शिव मंदिर में सोमवार को रूद्राभिषेक का आयोजन किया गया। वरिष्ठ पुजारी पं. देवशरण शुक्ल ने बताया कि मंदिर के सहायक पुजारी पं. कैलाशनाथ मिश्र रूद्राभिषेक कराएंगे। इसके अलावा सावन माह भर मंदिर में विशेष पूजा पाठ व धार्मिक अनुष्ठान होंगे।  

 

अयोध्या।  

सावन के पहले सोमवार के अवसर पर बड़ी संखया में उमड़े श्रद्धालुओं ने मां सरयू के पुण्य सलिल में डुबकी लगाई और फिर नागेश्वरनाथ मंदिर में भगवान शिव का जलाभिषेक किया। इसके साथ उनके पुत्र विघ्नहर्ता भगवान गणेश और कार्तिकेय स्वामी के अलावा माता पार्वती का भी आर्शीवाद ग्रहण किया। 

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए मंदिर के कपाट भोर में करीब चार बजे ही आरती-पूजन के उपरांत खोल दिए गये थे। इसी के साथ क्षीरेश्वरनाथ महादेव मंदिर व कोटेश्वरनाथ मंदिर सहित विभिन्न शिवालयों मे भी पूरे दिन रुद्राभिषेक आदि का अनुष्ठान चलता रहा। इससे पहले पैदल व बाइक इत्यादि माध्यमों से पहुंचे कांवड़ियो ने भी सर्वप्रथम पुण्य सलिला सरयू में डुबकी लगाई और फिर ब्रह्ममुहूर्त में ही नागेश्वरनाथ मंदिर के बाहर से ही चौखट का स्पर्श कर अपनी हाजिरी बजाई और फिर सरयू जल लेकर अपने-अपने गंतव्य पर रवाना हो गये। सुबह तक कांवड़ियों की भीड़ छंट गयी थी। इसके कारण सुरक्षा कर्मियों को भीड़ निय्त्रिरत करने में कोई परेशानी नही हुई। मंदिर परिसर से लेकर बाहर रामपैड़ी पर निर्मित अस्थाई बैरियरों पर तैनात सुरक्षा कर्मियों ने भीड़ को बैरियरों पर रोक-रोक कर जत्थों में दर्शन कराया।

सुरक्षा की दृष्टि से एहतियातन एकल मार्ग से ही श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया गया और वापसी पीछे के रास्ते कराई गयी। गर्भगृह के सकरे होने के कारण महिला व पुरुष आरक्षी अलग-अलग श्रद्धालुओं को खींच-खींच कर बाहर निकाल रहे थे। इससे रामपैड़ी मे भी प्रवेश के सभी रास्तों को ट्राली बैरियर लगाकर बंद कर दिया गया और रामपैड़ी के निर्धारित मार्ग से ही भेजा गया। पुलिस प्रशासन आकस्मिक घटना की दृष्टि से लक्ष्मणघाट सहस्त्र धारा से पहले आरती घाट पर करीब दस मीटर  रेलिंग तोड़वाकर अतिरिक्त मार्ग भी खोल दिया है जो कि पहले पुल से होते हुए चंद्रहरि मंदिर के सामने से नागेश्वरनाथ तक पहुंचता है।

नागेश्वरनाथ व लवकुश मंदिर में सजी झांकी

सावन के पहले सोमवार के उपलक्ष्य में नागेश्वरनाथ मंदिर में देर शाम परम्परागत रुप से विराजमान भगवान की फूलबंगला की भव्य झांकी सजाई गयी।झांकी अनावरण के उपरांत भगवान भूत भावन शंकर और माता पार्वती सहित पूरे परिवार की 1051 बत्ती की महाआरती भी की गयी। इस झांकी दर्शन करने के लिए भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण पहुंचे और आराध्य का दर्शन कर अपनी मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना की।इसी कड़ी में रामकोट स्थित लवकुश मंदिर में प्रतिष्ठित द्वादश ज्योर्तिलिंग की भव्य झांकी सजाई गयी। झांकी अनावरण के मौके पर मंदिर के महंत रामकेवल दास महाराज ने भगवान की विशेष आरती की। इसके पहले यहां प्रतिदिन सहस्त्रार्चन.का क्रम भी जारी रहा।

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