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यूपी के एथलीट भूटान में करेंगे ट्रेनिंग

भूटान में समुद्र तल से करीब 2200 मीटर की ऊंचाई पर यूपी के एथलीट एशियाई खेल के लिए तैयारी करेंगे। एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इण्डिया लम्बी व मध्यम दूरी के एथलीटों का कैम्प ऊटी से स्थानांतरित कर भूटान में...

यूपी के एथलीट भूटान में करेंगे ट्रेनिंग
प्रमुख संवाददाता,लखनऊ।Mon, 21 May 2018 04:03 PM
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भूटान में समुद्र तल से करीब 2200 मीटर की ऊंचाई पर यूपी के एथलीट एशियाई खेल के लिए तैयारी करेंगे। एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इण्डिया लम्बी व मध्यम दूरी के एथलीटों का कैम्प ऊटी से स्थानांतरित कर भूटान में लगाने का फैसला किया है। इस कैम्प में उत्तर प्रदेश की सुधा सिंह, चिंता यादव, अजय कुमार सरोज भी शामिल हैं। ये सभी एथलीट 26 जून से गुवाहटी में होने वाली राष्ट्रीय अंतरराज्यीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप में हिस्सा लेने के यहां आएंगे। यह चैंपियनशिप एशियाई खेल के लिए क्वालीफाई करने का आखिरी मौका होगी।
लम्बी व मध्यदूरी के एथलीटों का कैम्प ऊटी में लगा था। यहां एथलीट सड़क पर ट्रेनिंग करते थे। रेपटीशन वर्क के लिए वहीं के लॉरेंस स्कूल के ट्रैक का इस्तेमाल करते थे। पर अगस्त में होने वाले एशियाई खेल के लिए एथलीटों को अब ऐसी जगह की जरूरत थी जहां ऊंचाई पर सिंथेटिक ट्रैक हो। साथ ही वहां का वातावरण एशियाई खेल स्थल जकार्ता से मिलता -जुलता हो। ऐसे में भूटान के थिम्पू स्थान का एथलेटिक्स सेंटर सबसे मुफीद नजर आया। बस फेडरेशन ने यहां कैम्प स्थानांतरित करने का फैसला किया। सभी एथलीट व कोच रविवार को वहां पहुंच भी गए हैं।
कैम्प में 1500 मीटर के एशियाई चैम्पियन अजय कुमार सरोज, राष्ट्रमण्डल खेल में शानदार दौरड़ लगाते हुए नया राष्ट्रीय रिकार्ड बनाने वाले 1500 मीटर के ही धावक जिनसन जानसन, 5000 मीटर दौड़ के एशियाई चैंपियन लक्ष्मणन के अलावा गोपी, एल सूरिया, दुर्गा, स्टीपलचेजर सुधा सिंह व चिंता यादव, एशियाई चैंपियनशिप में 1500 मीटर की दौड़ में कमाल करने वाली चित्रा आदि शामिल हैं। इनके अलावा अमित व साहिल जैसे उभरते हुए धावक भी हैं। 
एथलीटों के साथ कोच के रूप में लखनऊ के जेएस भाटिया व लम्बी दूरी के पूर्व राष्ट्रीय चैंपियन सुरेंद्र सिंह गए हैं। जेएस भाटिया ने बताया कि यह कैम्प एशियाई खेल के नजरिए से भारतीय एथलीटों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हाई एटीट्यूड पर ट्रेनिंग करने से एथलीटों को बहुत फायदा होता है। वहां मैदानी एरिया की अपेक्षा ऑक्सीजन की कुछ कमी होती है। हवा का दबाव ज्यादा होता है। ऐसे में ट्रेनिंग करने से एथलीटों में स्टैमिना ज्यादा बढ़ता है। जब वब मैदानी इलाकों में दौड़ते हैं तो इसका खासा फायदा होता है। इसका सबसे बड़ा उदाहर कीनिया व इथोपिया हैं। हाई एटीट्यूड पर स्थित इन देशों के एथलीट इसीलिए मैदानी इलाकों में शानदार प्रदर्शन करते हैं।

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