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बिजली के निजीकरण के विरोध में कांग्रेस का वाकआउट

राज्य मुख्यालय। पांच शहरों में बिजली का निजीकरण करने के विरोध में कांग्रेस ने मंगलवार को विधानसभा में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के जवाब से असंतुष्ट होकर सदन से वाकआउट...

बिजली के निजीकरण के विरोध में कांग्रेस का वाकआउट
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊTue, 27 Mar 2018 10:11 PM
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विशेष संवाददाता-राज्य मुख्यालय

पांच शहरों में बिजली का निजीकरण करने के विरोध में कांग्रेस ने मंगलवार को विधानसभा में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के जवाब से असंतुष्ट होकर सदन से वाकआउट किया।

कांग्रेस नेता अजय कुमार लल्लू ने यह मामला काम रोको प्रस्ताव के जरिए उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार के मंत्री ने ग्रामीण क्षेत्र के घाटे वाले इलाकों की फ्रेंचाइजी देने को पत्र लिखा था लेकिन प्रदेश सरकार ने ऐसे पांच शहरों की बिजली को निजी कंपनियों को सौंपने का फैसला किया है जो फायदे में चल रहे थे और उनके लाइन हानियां भी कम हैं। 5471 करोड़ रुपये की लागत से इन शहरों की बिजली व्यवस्था को सुधारा भी गया है। एक्ट के अनुसार यह गैरकानूनी है। इस निजीकरण के विरोध में पूरे प्रदेश के अभियंता, कर्मचारी संगठन आंदोलनरत हैं। गुजरात की कंपनी को फायदा पहुंचाने का इरादा है।

ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता सबको बिजली और निर्बाध बिजली देना है। पहले बिजली का कोई रोस्टर नहीं था लेकिन उनकी सरकार ने रोस्टर तय किया जिसके आधार पर गांवों को 18 घंटे, तहसीलों को 20 घंटे और जिला मुख्यालयों को 24 घंटे बिजली दी जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी एक करोड़ 87 लाख लोगों के घरों में अब भी अंधेरा है। 33 लाख 44 हजार घरों में सरकार ने रोशनी पहुंचाई है। जो बचे हैं, उन गरीबों की झोंपड़ी में भी मार्च 2019 तक रोशनी पहुंचा देंगे। यह सरकार का संकल्प है।

उन्होंने कांग्रेस नेता अजय कुमार लल्लू पर असत्य बोलने और सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किया गया करार गैरकानूनी नहीं है। नियमानुसार है। विद्युतीकरण एक्ट 2003 के तहत निजीकरण की कार्यवाही की जा रही है। इसके लिए पांच शहर चिन्हित किए गए हैं। मेरठ, मुरादाबाद, लखनऊ,गोरखपुर और वाराणसी। इन जिलों में लाइन हानियां कम करने की जरूरत है। हम केवल वितरण व्यवस्था निजी क्षेत्र को देंगे। गांवों को इस करार से बिजली अभियंता और कर्मचारियों का कोई अहित नहीं है। जनता के भी हित में है।

श्री शर्मा ने गुजरात की कंपनी को फायदा पहुंचाने के आरोप पर कहा कि कांग्रेस जिससे गलबहिया कर रही है, उसने 2010 में गुजरात की कंपनी को आगरा में लूट करने की छूट दी। हमने तो आकर नकेल कसी। हमारी व्यवस्था पारदर्शिता वाली होगी। उद्योगपतियों को लूट की छूट नहीं होगी। पूर्व की सरकारों की गलती हम नहीं करेंगे। इसलिए उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने का आरोप तथ्यों से परे है। बिजली में 70 हजार करोड़ का घाटा है।

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