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यूपी : यहां मलिन बस्तियों में चलती है दो घंटे की अनोखी पाठशाला, बच्चों को शिक्षित करने की नई पहल Video

गोंडा जिले में नवाबगंज कस्बे के कोठिया मोहल्लों में आजकल आपको कुछ लोग बच्चों को टाफी-बिस्कुट बांटते मिल जाए तो उन्हें गलत न समझ लीजियेगा। ये लोग कोई और नहीं समाज के पथप्रदर्शक शिक्षक हैं वो भी कस्बे...

यूपी : यहां मलिन बस्तियों में चलती है दो घंटे की अनोखी पाठशाला, बच्चों को शिक्षित करने की नई पहल Video
राकेश सिंह ,नवाबगंज।गोंडाTue, 16 Jul 2019 04:07 PM
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गोंडा जिले में नवाबगंज कस्बे के कोठिया मोहल्लों में आजकल आपको कुछ लोग बच्चों को टाफी-बिस्कुट बांटते मिल जाए तो उन्हें गलत न समझ लीजियेगा। ये लोग कोई और नहीं समाज के पथप्रदर्शक शिक्षक हैं वो भी कस्बे के सबसे पुराने और जानेमाने स्कूल के। जी हां नगर के सबसे पुराने आदर्श बाल विद्या मन्दिर विद्यालय की ओर से यहां मलिन बस्तियों और चिन्हित मोहल्लों में बच्चों को शिक्षित करने की नई और अनूठी पहल शुरू की गई है।

आप विश्वास नहीं करेंगे लेकिन यह सच है कि ये शिक्षक छुट्टियों में किताब कापी और टाफी बिस्कुट लेकर निकल पड़ते हैं। जहां बच्चे मिले, वहीं लग गई इनकी अनोखी और अनूठी पाठशाला। पढ़ाई से पहले घर परिवार की जानकारी लेते हैं, बच्चों से दोस्ताना व्यवहार करते हुए उन्हें शिक्षा के महत्व से रुबरु कराते हैं। बच्चे बहुत ही उत्साह के साथ इस मस्ती की पाठशाला में पढ़ने पहुंच जाते है।

इस स्कूल की इस पहल के यहां अब सकारात्मक परिणाम भी दिखाई देने लगे हैं। यहां के लोग कहते हैं कि वास्तव में यह अपने ढंग की अनोखी पहल है। खास बात यह है कि दो घंटे की इस पाठशाला के दौरान बच्चों को अक्षर ज्ञान से सबसे पहले रुबरु कराया जाता है। टीचरों द्वारा विभिन्न प्रकार के एक्टिविटी के जरिए बच्चों को विषयों की जानकारी दी जाती है। 
सभासद वेद प्रकाश ने भी शिक्षा की ये अलख जगाने के प्रयासों की सराहना की है। शिक्षिकाओं में विमला देवी, सविता शर्मा और  शिक्षको में पवन कुमार और दुर्गेश कुमार, संतोष सिंघल शामिल हैं।

चिकित्सा सेवा में भी है विद्यालय का योगदान :
कस्बे के मारवाड़ी समाज द्वारा संचालित आदर्श बाल विद्या मन्दिर स्कूल में जरूरतमंदों के लिए विभिन्न प्रकार के चिकित्सा सेवा भी उपलब्ध कराई जाती है। विद्यालय में नियमित तौर पर होम्योपैथिक चिकित्सक, फिजियोथेरेपिस्ट और आंखों के डाक्टर द्वारा लोगों निःशुल्क चिकित्सा सेवा प्रदान की जाती है।

प्रबंधक महेश अग्रवाल ने बताया कि प्रतिवर्ष पांच गरीब बच्चों का चयन कर उन्हें शुल्क मुक्त शिक्षा दिए जाने के साथ ड्रेस, कापी किताब उपलब्ध कराए जाते हैं। स्वच्छत भारत मिशन अभियान के तहत विद्यालय प्रबंधन द्वारा कस्बे में सैकड़ों डस्टबिन भी वितरित कराए गए हैं।

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