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यूपी की मझोले आकार की कंपनी ने दस दिनों में बनाए 3000 वेंटिलेटर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वदेशी अभियान को आगे बढ़ाते हुए नोएडा की कंपनी एग्वा हेल्थकेयर ने कोरोना से जंग के लिए वेंटिलेटर के लिए विदेशों पर निर्भरता बहुत हद तक कम कर दिया है। प्रदेश सरकार की...

यूपी की मझोले आकार की कंपनी ने दस दिनों में बनाए 3000 वेंटिलेटर
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊFri, 15 May 2020 04:40 PM
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राज्य मुख्यालय। प्रमुख संवाददाता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वदेशी अभियान को आगे बढ़ाते हुए नोएडा की कंपनी एग्वा हेल्थकेयर ने कोरोना से जंग के लिए वेंटिलेटर के लिए विदेशों पर निर्भरता बहुत हद तक कम कर दी है। प्रदेश सरकार की कोशिशों से वेंटिलेटर का उत्पादन बढ़ाने के लिए मारूति सुजुकी ने इस कंपनी से हाथ मिलाया। नतीजा यह निकला कि कंपनी ने हर महीने 10 हजार वेंटिलेटर बनाने की क्षमता विकसित की गई है। पिछले दस दिनों में इस मझोले आकार की कंपनी ने 3000 वेंटिलेटर बनाकर अपनी क्षमता को सिद्ध किया है। प्रदेश सरकार वेंटिलेटर निर्माण की इस प्रगति को बड़ी उपलब्धि मान रही है। महज दो-तीन महीने में ही यह कंपनी देश में वेंटिलेटर की कमी को पूरा करने में सक्षम होगी। नोएडा की यह कंपनी अभी तक साल में महज तीन सौ वेंटिलेटर बनाती थी। केंद्र सरकार ने दिए 50 हजार वेंटिलेटर के आर्डरप्रदेश के एमएसएमई व निर्यात प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव डा. नवनीत सहगल के मुताबिक नोएडा की कंपनी एग्वा हेल्थकेयर देश में वेंटिलेटर बनाने में अग्रणी भूमिका निभाने जा रही है। एग्वा द्वारा बनाए जा रहे वेंटिलेटर के रेट विदेशों से आयात होने वाले वेंटिलेटर से कम है। भारत सरकार ने इस कंपनी को 50 हजार वेंटिलेटर निर्माण का आर्डर दिया है। इस कंपनी ने यूपी सरकार को कंपनी को 240 वेंटिलेटर दे दिए हैं। और 160 वेंटिलेटर अगले दो दिन में यूपी सरकार को मिल जाएंगे। वेंटिलेटर निर्माण में अन्य कंपनियां कर रहीं सहयोगमारुति सुजूकी के साथ एक जॉइंट वेंचर के तहत वेंटिलेटर निर्माण की तकनीक एग्वा हेल्थकेयर की है। मारुति द्वारा इकाई को मैनपावर तथा अन्य सहुलियतें दी जा रही हैं। वायरिंग एवं कनेक्टर, पीसीबी आदि पार्ट्स के लिए बीएचईएल, एसकेएच मशीन, मदर्सन सूमी से सहयोग मिल रहा है। कोरोना के इलाज के लिए चिकित्सीय उपकरण खासकर वेंटिलेटर बनाने के लिए देश की कई बड़ी कंपनियों ने हाथ बढ़ाया है। देश के विभिन्न राज्यों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, मारूति सुजुकी, टाटा मोर्ट्स, बीएचईएल, रिलायंस जैसी कंपनियां चिकित्सीय उपकरण बनाने में उतरी हैं। देश के कुल उत्पादन का 25 फीसदी पीपीई किट बन रहा यूपी में प्रमुख सचिव नवनीत सहगल के मुताबिक प्रदेश में इस समय कोरोना से बचाव के लिए बड़ी तादाद में मास्क और पीपीई किट का निर्माण भी चल रहा है। देश में प्रतिदिन इस समय दो लाख पीपीई किट बनाए जा रहे हैं। इसमें राज्य की एमएसएमई की 26 इकाइयां भी लगी हैं। ये इकाईयां प्रतिदिन करीब 50 हजार पीपीई किट बना रही हैं।

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