उन्नाव केस : परत दर परत खुल रही लालगंज पुलिस की लापरवाही
उन्नाव कांड में लालगंज पुलिस की लापरवाही कदम दर कदम उजागर हो रही है । समय रहते अगर पुलिस रेप पीड़िता का मुकदमा दर्ज कर लेती तो जलाकर मारने की यह घटना ना हो पाती । रेप पीड़िता का केस देखने वाले वकील...
उन्नाव कांड में लालगंज पुलिस की लापरवाही कदम दर कदम उजागर हो रही है । समय रहते अगर पुलिस रेप पीड़िता का मुकदमा दर्ज कर लेती तो जलाकर मारने की यह घटना ना हो पाती । रेप पीड़िता का केस देखने वाले वकील का कहना है कि डिले एएफआईआर की वजह से ही गैंगरेप के आरोपी को हाई कोर्ट से जमानत मिल गई और रेप पीड़िता को जलाकर मार दिया गया।
उन्नाव की रेप पीड़िता ने मुख्य आरोपी शिवम त्रिवेदी और उसके साथी शुभम त्रिवेदी पर गैंग रेप का आरोप लगाया था। 12 दिसंबर को वह लालगंज कोतवाली अपनी फरियाद लेकर पहुंची लेकिन पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया। 20 दिसंबर को उसने पुलिस अधीक्षक रायबरेली को रजिस्टर्ड डाक से प्रार्थना पत्र भेजा था लेकिन तब वो भी पुलिस ने संज्ञान नहीं लिया । इसके बाद रेप पीड़िता की ओर से लालगंज के अधिवक्ता महेश सिंह राठौर ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट नंबर 12 में दंड प्रक्रिया संहिता के के तहत मुकदमा दर्ज कराने की अर्जी दी । न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 10 जनवरी 2018 को एफ आई आर दर्ज करने का आदेश लालगंज कोतवाली पुलिस को दिया । 2 दिन बाद कोर्ट का यह आदेश लालगंज कोतवाली में पहुंच भी गया लेकिन पुलिस ने एफआइआर दर्ज करना मुनासिब नहीं समझा ।
अधिवक्ता महेन्द्र सिंह का कहना है कि पुलिस द्वारा कोई सुनवाई न किए जाने पर हैं 26 फ़रवरी को सुनवाई न किए जाने पर हैं 26 फ़रवरी को न्यायालय के आदेश की अवमानना की अर्जी कोर्ट में दी । कोर्ट से नोटिस पहुंचने के बाद पुलिस हरकत में आई और 5 मार्च को रेप पीड़िता का मुकदमा दर्ज किया गया । मामला यहीं नहीं रुका । एफ आई आर दर्ज करने के बाद पुलिस गैंगरेप के इस मुकदमे के आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पूरी तरह उदासीन रही.
सीएम से मिलने के बाद भी नहीं चेती पुलिस
न्याय न मिलने पर रेप पीड़िता मुख्यमंत्री के जनता दरबार में सितंबर माह में पहुंची ।लखनऊ निर्देश के बाद भी पुलिस ने गैंगरेप के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की । मुख्य आरोपी शिवम त्रिवेदी को न्यायालय में आत्मसमर्पण करने का अवसर भी दे दिया ।मुख्य आरोपी ने 22 सितंबर को न्यायालय ने सरेंडर किया था । सेशन कोर्ट से जमानत अर्जी निरस्त होने के बाद आरोपी जमानत के लिए हाईकोर्ट पहुंच गया । रेप पीड़िता के अधिवक्ता महेश सिंह का कहना है कि विलंब से केस दर्ज होने आदि वजहों से ही मुख्य आरोपी हाईकोर्ट से जमानत मंजूर कराने में सफल रहा । जमानत पर छूटने के चौथे दिन ही रेप के इस आरोपी ने पीड़िता को मुकदमे के सिलसिले में वकील से मिलने रायबरेली आते वक्त जलाकर मार डाला
शादी का अनुबंध पत्र भी फ़र्ज़ी : अधिवक्ता
रेप पीड़िता और गैंगरेप के मुख्य आरोपी शिवम त्रिवेदी के वायरल हुए अनुबंध पत्र को भी पीड़िता के अधिवक्ता महेश सिंह फर्जी करार दे रहे हैं । उनका कहना है कि सामने आए अनुबंध पत्र में गवाहों के ना नाम है ना हस्ताक्षर । जबकि अनुबंध पत्र में गवाहों के नाम और हस्ताक्षर होना अनिवार्य है । उनका कहना है कि रेप पीड़िता को इस अनुबंध पत्र के नाम पर केवल बहलाने की कोशिश की गई होगी।