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विवि व डिग्री कॉलेजों में 10 जुलाई से शुरू होगी पढ़ाई

उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय आगामी पांच जुलाई से खुल जाएं और पीजी प्रथम वर्ष को छोड़कर सभी कक्षाएं 10 जुलाई से शुरू करा दी...

विवि व डिग्री कॉलेजों में 10 जुलाई से शुरू होगी पढ़ाई
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊThu, 14 Jun 2018 10:36 PM
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उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय आगामी पांच जुलाई से खुल जाएं और पीजी प्रथम वर्ष को छोड़कर सभी कक्षाएं 10 जुलाई से शुरू करा दी जाएं।

डॉ. शर्मा गुरुवार को यहां बापू भवन में पांच विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, शिक्षाविदों व उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। यह बैठक राज्य विश्वविद्यालयों का शैक्षणिक सत्र नियमित करने, शैक्षणिक कैलेंडर निश्चित करने तथा शिक्षा की गुणवत्ता के सुधार के संबंध में बुलाई गई थी। डॉ. शर्मा ने कहा कि 16 जुलाई तक पीजी प्रथम वर्ष या प्रथम सेमेस्टर की भी कक्षाएं शुरू कर दी जाएं।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि नए सत्र में 15 जनवरी 2019 से 15 फरवरी 2019 के बीच विश्वविद्यालयों की प्रैक्टिकल परीक्षाएं करा ली जाएं। इसी तरह पांच मार्च से मुख्य परीक्षाएं शुरू कराई जाएं और 30 अप्रैल तक पूरी करा ली जाएं। 15 मई से ग्रीष्म अवकाश शुरू हो। साथ ही पांच जून तक सभी परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए जाएं। उन्होंने कहा कि अगले सत्र में सेमेस्टर सिस्टम लागू करने पर विशेष जोर दिया जाए। वर्तमान में लखनऊ विश्वविद्यालय व उससे संबद्ध महाविद्यालयों में सेमेस्टर सिस्टम लागू है, जहां पर सेमेस्टर सिस्टम लागू हो वहां नवम्बर के तृतीय सप्ताह में सेमेस्टर परीक्षाएं शुरू करा दी जाएं, क्योंकि 25 दिसंबर 2018 से शीत अवकाश शुरू होगा। दो जनवरी 2019 से फिर शिक्षण कार्य शुरू होगा।

उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों में सितम्बर-अक्टूबर माह में दीक्षांत समारोह कराने की तिथि तय करें। प्रदेश के स्वायत्त महाविद्यालयों की बैठक 27 जून को बुलाई गई है। बैठक में राज्य स्तर पर शिक्षकों की एक परीक्षा कराए जाने का भी सुझाव दिया गया। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि यूजीसी द्वारा निर्धारित पीएचडी रेगुलेशन को शीघ्र लागू किए जाने पर विचार किया जा रहा है। बैठक में नियमित शिक्षकों को पीएचडी करने के लिए नियम निर्धारण कर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को प्रस्ताव भेजने का निर्णय किया गया। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राजकीय महाविद्यालयों में कमजोर वर्ग के ग्रामीण छात्रों को नि:शुल्क शिक्षा दी जाए। बैठक में अपर मुख्य सचिव उच्च एवं माध्यमिक शिक्षा संजय अग्रवाल व विशेष सचिव मधु जोशी व अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।

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