सुलतानपुर: कादीपुर तहसील में नहीं है एसडीएम, फरियादी परेशान
दो महीने का समय बीतने को है, जिले की कादीपुर में एसडीएम की तैनाती नहीं हो सकी। चंद्रशेखर मिश्र को एसडीएम कादीपुर की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। पर, पांच दिन के अंदर ही प्रोन्नति के बाद वे एडीएम...
दो महीने का समय बीतने को है, जिले की कादीपुर में एसडीएम की तैनाती नहीं हो सकी। चंद्रशेखर मिश्र को एसडीएम कादीपुर की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। पर, पांच दिन के अंदर ही प्रोन्नति के बाद वे एडीएम होकर जिला उन्नाव चले गए।
तहसील में छोटे-मोटे विवाद एसडीएम के स्तर पर सुलझ जाते हैं अन्यथा बड़े झगड़े का रूप ले लेते हैं। लोग यहां कार्यालय पहुंचते हैं।
एसडीएम के आने का इंतजार करते हैं और वापस चले जाते हैं। तहसील क्षेत्र के हरथुआ बभनपुर निवासी श्यामधर पांडेय ने बताया कि उनके खतौनी में अनाधिकृत रूप से कुछ का नाम शामिल हो गया था। उसके विरुद्ध हाईकोर्ट से स्थगन आदेश पारित हुआ है। पर, उसका अंकन अभिलेखों में नहीं हो पा रहा है। यदि कादीपुर में कोई एसडीएम होता तो उनके सामने वह हाईकोर्ट का आदेश रखकर अमलदरामद करा सकते थे। अमलदरामद हो जाने पर जमीन को छिन्न-भिन्न होने से बचाया जा सकेगा।
दोस्तपुर के शचींद्र कुमार ने बताया कि उनका बंटवारा का मुकदमा है, जो एसडीएम के न होने के कारण तारीख पर तारीख चलता जा रहा है और मौके पर विवाद की संभावना बढ़ती जा रही है। एसडीएम के होने पर वह गंभीरता बताकर कोई उचित आदेश प्राप्त कर सकते थे।
नागनाथपुर नरायनपुर निवासी सूर्यदेव उपाध्याय का मानना है कि गर्मी के दिन में नए विवाद उत्पन्न होते हैं, जो एसडीएम के द्वारा बिना मुकदमे के ही हल करा दिए जाते हैं।
इसके अलावा तमाम लोगों की पैमाइश का कार्य गर्मी के दिन में ही होता है, जो एसडीएम के न रहने के कारण नहीं हो पा रहा है। उनका खुद का पैमाइश का काम अधर में लटका हुआ है।
बार एसोसिएशन कादीपुर के पूर्व अध्यक्ष दयाराम पांडेय का मानना है कि मुख्यालय से दूर की तहसील होने के कारण यहां की जनता जिला मुख्यालय भी आसानी से नहीं पहुंच पाती है। एसडीएम के रहने पर तमाम छोटे-छोटे विवाद आसानी से सुलझ जाते हैं।