निशाने पर कई पुलिस कप्तान, जल्द होंगे बदलाव
प्रदेश सरकार कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर कोई भी ढील देने को तैयार नहीं है। इस कारण पिछले एक महीने में अपने लचर प्रदर्शन से शासन की किरकिरी कराने वाले पुलिस कप्तान निशाने पर हैं। ऐसी संभावना है कि...
प्रदेश सरकार कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर कोई भी ढील देने को तैयार नहीं है। इस कारण पिछले एक महीने में अपने लचर प्रदर्शन से शासन की किरकिरी कराने वाले पुलिस कप्तान निशाने पर हैं। ऐसी संभावना है कि विभाग में जल्द ही कई बदलाव होंगे।
कार्यभार संभालने के बाद नए डीजीपी ओपी सिंह ने भी पुलिस कप्तानों के बारे में फीडबैक जुटा लिया है। वह जन शिकायतों के आधार पर भी पुलिस कप्तानों की कार्य क्षमता की समीक्षा करने के पक्षधर हैं। उन्होंने अपने कार्यालय के लोक शिकायत प्रकोष्ठ का निरीक्षण भी किया था। अपराध बेकाबू होने जैसी स्थितियों का आभास कराने वाले जिलों के पुलिस कप्तानों से खुद शासन भी नाराज है। गणतंत्र दिवस बीत जाने के बाद अब ऐसे जिलों की विधिवत समीक्षा शुरू हो गई है। इसके आधार पर इंस्पेक्टर, डीएसपी व एएसपी से लेकर एसपी तक को जिम्मेदार मानते हुए कार्रवाई किए जाने की संभावना है। कई जिलों के बारे में भाजपा के संगठन के पदाधिकारियों एवं जन प्रतिनिधियों ने भी शिकायत की है।
सूत्रों का कहना है कि कम से कम आधा दर्जन जिलों में बदलाव हो सकता है। इसके अलावा उन अफसरों को भी तैनाती दी जानी है जो अभी प्रतीक्षा में हैं या जो हाल ही में प्रोन्नत होने के बाद भी पहले वाले पद ही बने हुए हैं। लूट, हत्या व डैकैती जैसी आपराधिक घटनाओं के बाद कासगंज की सांप्रदायिक हिंसा को प्रदेश सरकार ने बेहद गंभीरता से लिया है।
मौके पर भेजे गए वरिष्ठ पुलिस अफसरों के फीडबैक के आधार पर इस मामले में भी लापरवाह पुलिस अफसरों पर कार्रवाई हो सकती है। इस मामले पर खुद मुख्यमंत्री अपनी सीधी नजर बनाए हुए हैं। हालात जल्द से जल्द सामान्य बनाने के लिए उन्होंने हरसभंव कदम उठाने का निर्देश दे रखा है।