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रायबरेली शहर के चार चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल

जल्द ही शहर का नजारा बदला-बदला सा नजर आएगा। शहर के व्यस्त चार चौराहों पर ट्रैफिक कंट्रोल के लिए सिग्नल लाइटें लगी नजर आएंगी। लाल, पीली और हरी बत्तियां जलती-बुझती दिखने लगेंगी। इन लाइटों की परवाह न...

रायबरेली शहर के चार चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल
हिन्दुस्तान टीम,रायबरेलीThu, 26 Jul 2018 08:34 PM
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जल्द ही शहर का नजारा बदला-बदला सा नजर आएगा। शहर के व्यस्त चार चौराहों पर ट्रैफिक कंट्रोल के लिए सिग्नल लाइटें लगी नजर आएंगी। लाल, पीली और हरी बत्तियां जलती-बुझती दिखने लगेंगी। इन लाइटों की परवाह न करने वालों के चालान भी कट जाएंगे।
   एसपी सुजाता सिंह शहर के यातायात को सुगम बनाने की कवायद में लगातार लगी हुई हैं। उन्होने ट्रैफि सिग्नल लाइटों के लिए शहर के चार चौराहों को चुना है। इनमें तीन लखनऊ-इलाहाबाद पर पड़ने वाले- त्रिपुला, रतापुर और सिविल लाइन चौराहे हैं। चौथा डिग्री कॉलेज चौराहा है। एसपी के अनुरोध पर एनटीपीसी सीएसआर फंड से सिग्नल लाइटें लगवाने को तैयार हो गया है। एसपी ने बताया कि ट्रैफिक सिग्नल लाइटें लगवाने का काम सिविल लाइन चौराहे से शुरू किया जाएगा। यातायात कंट्रेाल के लिए एसपी की यह कोशिश परवान चढ़ गई तो शहर की रंगत बदली-बदली सी नजर आने लगेगी।
डिग्री कॉलेज चौराहा होगा छोटा : 
ट्रैफिक के लिए वर्षों से समस्या बने डिग्री कॉलेज चौराहे को छोटा करके यातायात सुगम बनाने की भी योजना है। इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी सांसद कार्यालय के संपर्क में है। इस चौरहे का निर्माण कैप्टन सतीश शर्मा की सांसद निधि से 20 वर्ष पहले हुआ था। अपनी बेतुकी डिजाइन से तभी से यह शहर के यातायात के लिए समस्या साबित हो रहा था।
कटने लगेंगे ई-चालान : 
शहर में यातायात को बेहतर बनाने के लिए जल्द ही वाहनों के चालान काटने का अभियान शुरू होने जा रहा है। एसपी सुजाता सिंह ने मशीनें मंगवाई हैं। ट्रैफिक पुलिस ई-चालान भी काटेगी। मसलन, आपकी जेब में अगर कैश नहीं है तो आप अपने क्रेडिट-डेबिट कार्ड से भी चालान की रकम चुकता कर सकेंगे। 
 यातायात को सुगम बनाने में अवैध ऑटो रिक्शा का रोड़ा
  शहर के यातायात को सुगम बनाने में अवैध रूप से संचालित ऑटो रिक्शा रोड़ा बन गए हैं। इसीलिए रूटों पर ऑटो दौड़ाने का काम हफ्ते भर और टल गया है। यातायात सुधारने की पहल में जुटे पुलिस विभाग का मानना है कि शहर में करीब साढ़े तीन हजार ऑटो और ई-रिक्शा सवारियां ढो रहे हैं लेकिन संभागीय सड़क परिवहन विभाग के पास करीबन 12 सौ ऑटो रिक्शा का ही ब्योरा है। इसमें भी परमिट सिर्फ साढ़े नौ सौ ऑटो रिक्शा के पास ही है। ऐसे में यातायात पुलिस को ऑटो का रूट निर्धारित करने में दिक्कते आ रही हैं। एसपी सुजाता सिंह ने बताया कि एआरटीओ से संपर्क किया गया है। उन्होने हफ्ते भर का समय मांगा है। उम्मीद है जल्द ही इसका हल निकल आएगा और निर्धारित रूटों पर ऑटो रिक्शा चलने लगेंगे।

यह है रूट प्लान
नए यातायात निरीक्षक बनाए गए अनिल सिंह ने शहर में आठ रूट निर्धारित किए हैं। रूटों पर ऑटो दौड़ाने के लिए चालकों से फार्म भी भराए गए हैं। 25 जुलाई से इस नई योजना को लागू होना था पर तैयारी मुकम्मल न हो पाने से ऐसा संभव नहीं हो सका।

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