पीएम स्वनिधि योजना में पटरी दुकानदारों को दिलचस्पी नहीं
कड़े नियम-शर्तो से नहीं लेना चाह रहे ऋण पीएम स्वनिधि योजना में पटरी दुकानदारों को दिलचस्पी...
कड़े नियम-शर्तो से नहीं लेना चाह रहे ऋणलखनऊ। प्रमुख संवाददातापीएम स्वनिधि योजना में पटरी दुकानदार दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। पिछले 25 दिनों में 199 लोगों को ही ऋण मुहैया हो सका है। जबकि लक्ष्य एक लाख 41 हजार पटरी दुकानदारों का पंजीकरण उनको योजना से लाभान्वित करना है। लक्ष्य को प्राप्त करने में नगर निगम के अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं।योजना का पूरा लाभ पाने में डिजिटल भुगतान की शर्त व आधार कार्ड का बैंक अकाउंट से लिंक होना जरूरी है। इन दो शर्तों के कारण बहुत कम पटरी दुकानदार योजना का लाभ लेने के लिए आगे आ रहे हैं। एक फार्म भरने में लगभग आधे घंटे का समय लग रहा है। इतना समय लगने के बाद जब आधार कार्ड बैंक अकाउंट से लिंक नहीं मिल रहा है तो पूरा समय बर्बाद हो जा रहा है। इस समस्या के लिए अब सभी जोनों में आधार का कैम्प भी लगाया जा रहा है। डिजिटल भुगतान की शर्तयोजना का पूरा लाभ पाने के लिए डिजिटल भुगतान की शर्त रखी गई है। इसमें पटरी दुकानदारों को दिए जा रहे दस हजार रुपए ऋण को सालभर में 9700 रुपए ही वापस करने हैं। लेकिन इसके लिए डिजिटल माध्यम (पेटीएम या अन्य) से न्यूनतम 200 भुगतान प्राप्त करना जरूरी है। अन्यथा 11,200 रुपए वापस करना पड़ जाएगा।बैंकर्स का सहयोग कमयोजना के तहत जिन बैंकर्स को ऋण मुहैया कराना है वह पूरा सहयोग नहीं कर रहे हैं। अब तक 4077 लोगों के पंजीकरण में 548 का ही ऋण स्वीकृत हो सका है। इसमें महज 199 को ही ऋण मुहैया हो सका है। पटरी दुकानदार चक्कर लगा रहे हैं। इस सुस्ती के कारण भी पटरी दुकानदार परेशान हो रहे हैं।पटरी दुकानदारों के पंजीकरण व आधार कार्ड को बैंक से लिंक कराने के लिए भी कैम्प लगाए जा रहे है। शीघ्र ऋण मुहैया कराने के लिए बैंकर्स से बात की गई है। योजना में जल्द ही तेजी आने की उम्मीद है।अशोक सिंह, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी, नगर निगम