Tiger Terror Continues in Rahman Khera Jungle as Locals Live in Fear रहमानखेड़ा में घूम रहे बाघ ने सुअर और पड़वे का शिकार किया, अब दुधवा से आएंगे हाथी, Lucknow Hindi News - Hindustan
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रहमानखेड़ा में घूम रहे बाघ ने सुअर और पड़वे का शिकार किया, अब दुधवा से आएंगे हाथी

Lucknow News - रहमान खेड़ा के जंगल में बाघ का खौफ बरकरार है। बाघ ने पिछले दो दिनों में दो जानवरों का शिकार किया, जिसमें जंगली सुअर और पड़वा शामिल हैं। वन विभाग ने बाघ की निगरानी के लिए विशेषज्ञों और हाथियों की मदद ली...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊThu, 26 Dec 2024 10:14 PM
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रहमानखेड़ा में घूम रहे बाघ ने सुअर और पड़वे का शिकार किया, अब दुधवा से आएंगे हाथी

रहमान खेड़ा के जंगल में बाघ का खौफ ग्रामीणों के बीच बरकरार है। बीते दो दिनों में बाघ ने दो जानवरों के शिकार किए। पहले जंगली सुअर फिर पड़वे को शिकार किया। बाघ का आंतक जंगल में चार से पांच किमी के दायरे में बना हुआ है और लगातार शिकार कर रहा है। लेकिन वन विभाग की टीम तमाम इंतजामों के बाद भी बाघ की लोकेशन तय नही कर पाया। बाघ के न पकड़े जाने से ग्रामीणों में जहां दहशत का माहौल है। वहीं लगातार कॉम्बिंग और निगरानी कर रही टीम भी बेबस हो चुकी है। ऐसी स्थिति में अब वन विभाग हाथियों की मदद से बाघ की निगरानी करेगा। ताकि उसकी गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा सके और उसे जल्द पकड़ा जा सके।

मचान के पास से खींचकर ले गया पड़वे को

मीठे नगर जाने वाले खड़ंजा मार्ग पर पुलिया के पास बुधवार को बाघ ने जंगली सुअर का शिकार किया था, उसके बाद वन विभाग ने शिकार को पुलिया के पास रख कर निगरानी कर रहा है। वहीं मचान के पास शिकार किये गए पड़वे का बचा हिस्सा बाघ खींचकर ले गया और खा डाला। गुरुवार की दोपहर रहमान खेड़ा रेलवे लाइन के पास बाघ की गतिविधियां पाई गई। वन विभाग की तीन टीमें क्षेत्र में निगरानी कर रही है।

बाघ को पकड़ने के लिए विशेषज्ञ बुलाए गए

डीएफओ डॉ सितांशु पाण्डेय ने बताया कि बाघ को पकड़ने में पीलीभीत रेंज के विशेषज्ञ डॉ दक्ष को बुलाया गया है। साथ ही हरदोई की कछौना रेंज और सीतापुर की सिधौली रेंज के कर्मचारियों को लगाया गया है। कानपुर प्राणी उद्यान से डॉ नासिर और लखनऊ से डॉ ब्रजेन्द्र मणि यादव के साथ शिकार वाली जगहों पर निगरानी की जा रही है। दुधवा नेशनल पार्क से दो हाथियों को मंगवाकर निगरानी की जाएगी।

24 दिनों से ग्रामीणों में दहशत, अफसर बेबस

गत 3 दिसंबर को पहली बार बाघ के पगचिन्हों के मिलने के बाद से ग्रामीणों में दहशत अभी तक बरकरार है। पिछले छह दिनों से बाघ लगातार हमला करके शिकार कर रहा है। सबसे पहले नीलगाय का शिकार किया उसके बाद लगातार जंगली जानवर से लेकर सांढ, पड़वा और सुअर का शिकार कर चुका है। इससे ग्रामीणों में खौफ है, जबकि अफसर ग्रामीणों की इस परेशानी को दूर करने में बेबस नजर आ रहे है।

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