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विकास कार्यों में तेजी और पारदर्शिता के लिए निकायों में त्रिस्तीय व्यवस्था

- निकाय निदेशक को सौंपी गई जिम्मेदारी निकाय निदेशक को सौंपी गई जिम्मेदारी निकाय निदेशक को सौंपी गई जिम्मेदारी निकाय निदेशक को सौंपी गई जिम्मेदारी निकाय निदेशक को सौंपी गई जिम्मेदारी निकाय निदेशक को...

विकास कार्यों में तेजी और पारदर्शिता के लिए निकायों में त्रिस्तीय व्यवस्था
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊMon, 17 Aug 2020 08:12 PM
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- निकाय निदेशक को सौंपी गई जिम्मेदारीप्रमुख संवाददाता- राज्य मुख्यालयराज्य सरकार ने निकायों में पारदर्शी व्यवस्था लागू करने के लिए जरूरी इंतजाम करने का फैसला किया है। उदाहरण के लिए विकास कार्यों पर नजर रखने के लिए सभी निकायों में प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग सिस्टम (पीएमसी) का गठन किया जाएगा। बजट खर्च में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम और निदेशालय स्तर पर भी डॉक्यूमेंट मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जाएगा। इसके साथ ही नगर आयुक्तों के साथ अधिशासी अधिकारियों को सीयूजी नंबर भी दिए जाएंगे।नगर विकास विभाग ने इसके लिए निदेशक स्थानीय निकाय डा. काजल को इसे जल्द अमल में लाने का निर्देश दिया है। त्रिस्तरीय मॉनीटरिंग सिस्टम के लागू होने के बाद शासन और निदेशालय शहरी निकायों के कामकाज और उनके तौर तरीके पर पूरी नजर रख सकेंगे। केंद्रीय योजनाओं की देखरेख के लिए इसका गठन किया जा रहा है। शासन का मानना है कि इससे केंद्रीय योजनाओं में तेजी आएगी और पारदर्शिता के साथ काम हो सकेंगे। निकायों में पारदर्शिता के साथ काम कराना सबसे बड़ी चुनौती है। शहरी निकायों में प्रॉजेक्ट मॉनीटरिंग सिस्टम लागू किया जाएगा।शासन जब चाहे तब अपने स्तर पर ही निकायों में चल रही योजनाओं की स्थिति जान सकेगा। इसके पहले चरण में आर्थिक भुगतान में पारदर्शिता लाने की कवायद की जा रही है। सभी शहरी निकायों को आदेश जारी कर दिए गए हैं कि वे पीएफएमएस के तहत ही भुगतान करें। यह माना जा रहा है कि इससे वेतन, ठेकेदारों को भुगतान आदि में पादरर्शिता आएगी और फिजूलखर्ची पर रोक लगेगी। अभिलेखों में हेराफेरी पर रोकने के लिए ही सभी अभिलेखों को डिजिटाइज कराया जा रहा है। इसे वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा, जिसे निदेशालय और शासन स्तर पर भी देखा जाएगा।सीयूजी नंबर बंद मिला तो कार्रवाईशहरी लोगों को बेहतर सुविधाएं दिलाने के लिए नगर आयुक्तों व अधिशासी अधिकारियों के साथ फील्ड स्तर के कर्मियों और अधिकारियों को सीयूजी नंबर दिया जाएगा। अक्सर शिकायतें मिलती रहती हैं कि निकाय अधिकारी जनता का फोन नहीं उठाते हैं। सीयूजी नंबर मिलने के बाद अधिकारियों व कर्मियों द्वारा फोन न उठाने पर कार्रवाई की जाएगी।

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