ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश लखनऊसीतापुर के ग्रामीण का शव चौका नदी में मिला

सीतापुर के ग्रामीण का शव चौका नदी में मिला

चौका नदी में एक अधेड़ का शव फंसा देख ग्रामीणों में हड़कम्प मच गया। सूचना पाकर मोहम्मदपुर खाला थाने के छेदा चौकी के पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। इसकी चर्चा आसापास फैली तो सीतापुर के रामपुर मथुरा थाना...

सीतापुर के ग्रामीण का शव चौका नदी में मिला
हिन्दुस्तान टीम,बेलहरा (बाराबंकी।Fri, 05 Oct 2018 02:09 PM
ऐप पर पढ़ें

चौका नदी में एक अधेड़ का शव फंसा देख ग्रामीणों में हड़कम्प मच गया। सूचना पाकर मोहम्मदपुर खाला थाने के छेदा चौकी के पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। इसकी चर्चा आसापास फैली तो सीतापुर के रामपुर मथुरा थाना क्षेत्र के लोग घर से गायब अधेड़ की खोज करते हुए पहुंचे। विकलांग अधेड़ की पहचान परसराम पुत्र भगवानदीन के रूप में की गई। परिजनों के अनुसार परसराम मछली पकड़ने के लिए चौका नदी अक्सर जाता था। परिजनों ने डूबकर मरने की आशंका जताई।
 मोहम्मदपुर खाला थाना क्षेत्र के सीतापुर के बार्डर पर स्थित चौका नदी के किशनपुर घाट के समीप से सुबह ग्रामीण खेतों के लिए निकले तो नदी में उतराते एक शव को देखकर चौक पड़े। इसकी सूचना धीरे-धीरे फैली तो सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे। सूचना पाकर छेदा चौकी प्रभारी भी मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों की सहायता से पुलिस ने शव को बाहर निकाला। अधेड़ के कपड़ों की तलाशी ली तो कुछ नहीं मिला।
अचानक परिजनों ने पहुंचकर शिनाख्त की : उधर, चौका नदी के उस पार जनपद सीतापुर के रामपुर मथुरा थाना क्षेत्र के ग्राम भागीपुर निवासी परसराम पुत्र भगवानदीन बुधवार की सुबह से लापता था। उसकी तलाश उसके बड़े भाई काशीराम व अन्य ग्रामीण कर रहे थे। इसी बीच उनके पास सूचना मिली कि नदी उसपार बाराबंकी में एक शव मिला है। इस सूचना पर परिजन किशनपुर घाट पर पहुंचे। मृतक को देखते ही बड़े भाई काशीराम रोने-पीटने लगे। उन्होंने विकलांग भाई परसराम की शिनाख्त की। काशीराम ने बताया कि बुधवार की सुबह वह घर से कहकर निकला था कि वह नदी में मछली मारने जा रहा है। उन्होंने बताया कि चूंकि परसराम विकलांग था, ऐसे में संभावना है कि उसका पैर फिसला हो और वह नदी में डूब गया हो। उन्होंने कहा कि हम काफी गरीब हैं, इसलिए किसी से कोई रंजिश नहीं थी।

मासूम बच्चे हुए अनाथ : मृतक परसराम की पत्नी मल्हना देवी की मृत्यु पांच वर्ष पहले हो गई थी। परसराम अपने तीन बच्चे शुघरादेवी (14), सुरेन्द्र (10) व छोटे बेटे अमित (6) को किसी प्रकार छोटा मोटा काम करके पेट पालता था। परसाम की मौत की सूचना पर पहुंचे बच्चों का रो-रोकर बुराहाल था। वहीं मौके पर मौजूद ग्रामीण भी कह रहे थे कि अब इन तीन बच्चों का भविष्य क्या होगा, माता-पिता की मौत के बाद तीनों अनाथ हो गए हैं। 
 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें