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विभागाध्यक्ष कर रहे यूजीसी निर्देश की मनमानी व्याख्या

बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में पीएचडी के दाखिले को लेकर छात्र परेशान हैं। एक ओर जहां हार्टिल्चर विभाग के अध्यक्ष यूजीसी के निर्देशों की मनमानी व्याख्या कर पीएचडी...

विभागाध्यक्ष कर रहे यूजीसी निर्देश की मनमानी व्याख्या
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊSun, 06 Jan 2019 09:09 PM
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बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में पीएचडी के दाखिले को लेकर छात्र परेशान हैं। एक ओर जहां हार्टिल्चर विभाग के अध्यक्ष यूजीसी के निर्देशों की मनमानी व्याख्या कर पीएचडी दाखिले नहीं कर रहे हैँ,तो वहीं अन्य तीन विभागो में भी शिक्षकों की आड़गेबाजी से दाखिले रूके हुए हैं।

आधा शैक्षिक सत्र समाप्त हो चुका है। अभी तक बीबीएयू में पीएचडी में दाखिले को लेकर छात्र परेशान घूम रहे हैं। उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। ताजा मामला हार्टिकल्चर विभाग का है। जहां पर विवि के कार्रवाहक कुल सचिव विभागाध्यक्ष हैं। उन्होंने ही सभी विभागाध्यक्षों को यूजीसी का हवाला देते हुए निर्देश दिया था कि अगर सीटें खाली हैं, तो एससीएसटी और ओबीसी को प्रवेश परीक्षा के अंकों में पांच फीसदी की छूट देकर विशेष अभियान के तहत दाखिला दें।

अब वह खुद ही इसका पालन नहीं कर रहे हैँ, जबकि विभाग में 6 सीटें खाली हैं। छात्रों का कहना है कि पहले वह कहते थे कि एकेडमिक काउंसिल में पास नहीं हुआ है। अब तो दाखिले से ही माना करते हैं।

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एकेडमिक काउंसिल पास करेगी तभी होंगे दाखिले

प्रो. राम ने सभी विभागाध्यक्षों को तो निर्देश दे दिए, पर खुद जब अपनी बारी आई दाखिला करने की,तो मनमानी व्याख्या करने लगे। उनका कहना है कि यूजीसी ने निर्देश दिया, पर एकेडमिक काउंसिल, जब तक स्वीकृत नहीं देगी, तब तक दाखिला कैसे होगा। वहीं विवि प्रशासन के लोगों का कहना है कि काउंसिल ने तो पहले ही कहे रखा है कि यूजीसी के निर्देशों का पालन तत्काल किया जाए। बाद में बैठक होने पर काउंसिल को सूचित कर दें। अब उनका कहना है कि सोमवार को बैठक बुलाई है, उसमें निर्णय करेंगे।

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तीन अन्य में भी रूके हैं दाखिले

इतिहास, माइक्रोबायोलॉजी और मानवाधिकार में भी पीएचडी में दाखिले नहीं हुए हैं। इतिहास विभाग में डीआरसी के सदस्य को लेकर और माइक्रोबायोलॉजी में नए शिक्षकों को पीएचडी छात्र आवंटित करने को लेकर संकायाध्यक्ष और विभागाध्यक्ष में मतभेद था। साथ ही मानवाधिकार विभाग में आरक्षण नीति को लेकर दाखिला रूका हुआ है।

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