कोरोना मरीजों की मनमानी दूसरों पर पड़ रही भारी
लखनऊ। वरिष्ठ संवाददाता कोरोना मरीजों की मनमानी दूसरों पड़ रही भारीकोरोना मरीजों की मनमानी दूसरों पड़ रही भारीकोरोना मरीजों की मनमानी दूसरों पड़ रही भारीकोरोना मरीजों की मनमानी दूसरों पड़ रही...
लखनऊ। वरिष्ठ संवाददाताकोरोना मरीज दूसरों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। पहले होम आइसोलेशन के विकल्प को नकार देते हैं। जब एम्बुलेंस उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने के लिए घर पहुंचती है तो घंटों खड़ा रखने के बाद होम आइसोलेशन में रहने की हामी भरते हैं। मरीजों की इस लापरवाही से दूसरों को समय पर एम्बुलेंस नहीं पहुंच पा रही है। स्वास्थ्य विभाग के अफसर भी लगातार कोरोना मरीजों की इन हरकतों से तंग आ गए हैं।कोरोना संक्रमित को अस्पताल में भर्ती कराने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की है। मरीज को घर से अस्पताल तक पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 108 एम्बुलेंस सेवा लगा रखी है। राजधानी में रोजाना 800 से 900 लोग संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। कोविड कंट्रोल रूम से मरीजों को फोन कर सेहत के बारे में हाल लिया जाता है। जो मरीज होम आइसोलेशन में रहना चाहते हैं शर्तों की जानकारी दी जाती है। वहीं जो अस्पताल में भर्ती होने को राजी होते हैं उनके घर एम्बुलेंस भेजी जाती है। ताकि मरीज को आसानी से अस्पताल में भर्ती कराया जा सके। बड़ी संख्या में मरीज घर पर एम्बुलेंस बुला लेते हैं लेकिन बाद में अस्पताल जाने को राजी नहीं होते हैं। इससे एम्बुलेंस का समय बेकार होता है। वहीं गंभीर मरीजों को अस्पताल में शिफ्ट कराने में वक्त लगता है।कब-कितनों ने लौटाई एम्बुलेंस13 सितंबर को 215 मरीज को अस्पताल आवंटित किया गया। 145 मरीज भर्ती कराए गए। 70 ने एम्बुलेंस लौटा दी। -14 सितंबर को 179 मरीजों को हॉस्पिटल एलॉट किया गया। 107 मरीज अस्पताल में भर्ती हुए। 72 मरीजों ने एम्बुलेंस लौटा दिया। -15 सितंबर को 237 मरीज को हॉस्पिटल आवंटित किया गया। 177 मरीज भर्ती कराया गया। 60 ने एम्बुलेंस लौटा दी। -16 सितंबर को 264 मरीजों को हॉस्पिटल आवंटित किया गया। 183 मरीज भर्ती हुए। 81 रोगियों ने एम्बुलेंस लौटा दिया। -17 सितंबर को 258 मरीज को हॉस्पिटल आवंटित किया गया। 130 मरीज भर्ती हुए। 128 ने एम्बुलेंस लौटा दी।