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फैसला : 50  साल के होते ही दस अधिकारियों को सरकार ने नौकरी से निकाला 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 50 साल से अधिक आयु के 12 अधिकारियों के खिलाफ पहली बड़ी कार्रवाई की है। चकबंदी विभाग की स्क्रीनिंग कमेटी के निष्कर्षों के आधार पर सात अक्षम अधिकारियों...

फैसला : 50  साल के होते ही दस अधिकारियों को सरकार ने नौकरी से निकाला 
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊ Tue, 29 Aug 2017 11:03 PM
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 50 साल से अधिक आयु के 12 अधिकारियों के खिलाफ पहली बड़ी कार्रवाई की है। चकबंदी विभाग की स्क्रीनिंग कमेटी के निष्कर्षों के आधार पर सात अक्षम अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया गया है, तीन को बर्खास्त किया गया है और दो के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की गई है। 

राज्य सरकार ने चकबन्दी निदेशालय स्तर पर पूर्व में एक से अधिक बार दंडित 50 साल की आयु से ज्यादा के सात चकबन्दी अधिकारियों तथा सहायक चकबन्दी अधिकारियों रिटायर कर दिया है। यह कार्रवाई 14अगस्त, 2017 से प्रभावी मानी जाएगी। राज्य सरकार ने यह फैसला चकबंदी आयुक्त की अध्यक्षता में बनी स्क्रीनिंग कमेटी के फैसले के आधार पर किया है।

    यह जानकारी चकबन्दी आयुक्त कार्यालय से जारी एक आदेश में दी गयी है। जिन अधिकारियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त किया गया है उनमें प्रमोद कुमार त्रिपाठी बन्दोबस्त अधिकारी, चकबन्दी जनपद-बांदा,ओमकार नाथ चकबन्दी अधिकारी सन्तरविदास नगर(भदोही), गिरीश कुमार द्विवेदी सहायक चकबन्दी अधिकारी उन्नाव, राजकुमार शर्मा सहायक चकबन्दी अधिकारी एटा, वेद प्रकाश सिंह सहायक चकबन्दी अधिकारी बिजनौर, रमेश कुमार सहायक चकबन्दी अधिकारी, बलिया तथा वीर विक्रम गौड़ सहायक चकबन्दी अधिकारी, सहारनपुर शामिल हैं।

   सहारनपुर में तैनात चकबंदी अधिकारी रामकेश कटियार, मुजफ्फरनगर में तैनात चकबंदी अधिकारी सचेन्द्र बहादुर सिंह तथा लखनऊ में तैनात चकबंदी अधिकारी राम किशोर गुप्ता को बर्खास्त किया गया है। तीनों अधिकारियों को ग्रामसभा की सम्पत्तियों तथा यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की भूमि को निजी खातेदारों को चक के रूप में आवंटित करने पर बर्खास्त किया गया है। इनके अलावा अमरोहा में तैनात चकबंदी अधिकारी अजब सिंह तथा सहायक चकबंदी अधिकारी लक्ष्मीकांत सरोज को प्रारम्भिक मूल वेतन पर रखने का निर्णय लिया गया है।

    चकबन्दी आयुक्त डॉ. रजनीश दुबे ने बताया कि इन अधिकारियों ने अपनी तैनाती के दौरान यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण गौतमबुद्ध नगर की भूमि के अधिग्रहण के पहले ग्राम जगनपुर, अफजलपुर, अट्टा आदि और जनपद हरदोई के ग्राम मल्हेरा में कानून के खिलाफ आदेश पारित कर ग्रामसभा की सम्पत्तियों को निजी खातेदारों के चकों में दिखाया था।

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