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टीका लगने के बाद मासूम की हालत बिगड़ी, मौत

- लोकबंधु अस्पताल में सुबह ही लगाया गया था टीका, दो घंटे बाद हो गई मौत

टीका लगने के बाद मासूम की हालत बिगड़ी, मौत
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊWed, 08 May 2019 07:39 PM
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- लोकबंधु अस्पताल में सुबह ही लगाया गया था टीका, दो घंटे बाद हो गई मौत - परिवारीजनों ने नहीं कराया पोस्टमार्टम, सीएमओ ने बताया सांस नली में दूध फंसने से हुई मौत लखनऊ। निज संवाददाता लोकबंधु राजनारायण अस्पताल में बुधवार को टीका लगने के बाद डेढ़ साल की मासूम की हालत बिगड़ गई। करीब दो घंटे बाद उसने दम तोड़ दिया। तीमारदार मासूम को गोद में लेकर लोकबंधु अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित करार दिया। तीमारदारों ने वहां पर गुस्सा जताते हुए हंगामा शुरू किया। पुलिस के पहुंचने पर मामला शांत हुआ। तीमारदार बिना पोस्टमार्टम कराए ही शव लेकर घर चले गए। उधर, सीएमओ कार्यालय से पहुंची टीम ने पड़ताल शुरू की। बाद में सीएमओ ने बयान जारी किया कि बच्ची की सांस नली में दूध फंसने से मौत हुई है। दस दिन में दूसरी मौत होने से स्वास्थ्य महकमा सवालों के घेरे में आ गया है।पोलियो समेत अन्य टीके लगे सरोजनीनगर के माती कमलापुर गांव निवासी हरिमोहन की पत्नी सपना यादव डेढ़ माह की बेटी प्रिंसी को लेकर बुधवार सुबह करीब 10 बजे कानपुर रोड स्थित लोकबंधु राजनारायण अस्पताल पहुंची। यहां पर बेटी को जन्म के डेढ़ माह पर लगने वाले टीका (पोलियो, एफआईपीवी, पीसीवी, पेंटावैलेंट और रोटा वायरस) लगाए गए थे। टीका लगने के बाद परिवारीजन मासूम को लेकर घर चले गए। घर पहुंचते ही मासूम की हालत बिगड़ गई। परिवारीजन घबरा गए। तुरंत ही मासूम को लेकर लोकबंधु अस्पताल की ओर भागे। अस्पताल में मृत घोषित करीब 12 बजे तीमारदार प्रिंसी को लेकर लोकबंधु की इमरजेंसी में पहुंची। यहां पर ड्यूटी पर मौजूद महिला ईएमओ ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया। बताया कि उसके शरीर में कोई हरकत नहीं बची। यह सुनकर तीमारदार हंगामा करने लगे। अस्पताल की सूचना पर कृष्णा नगर पुलिस पहुंची। पुलिस ने उन्हें शांत कराया। अस्पताल के सीएमएस डॉ. सुरेश चौहान ने बताया कि पोस्टमार्टम कराने को कहा गया तो तीमारदारों ने मना कर दिया। पुलिस के सामने ही शव लेकर घर चले गए। सीएमओ टीम ने की जांच टीका लगने के बाद मासूम की मौत की सूचना मिलते ही सीएमओ कार्यालय से एक टीम लोकबंधु पहुंची। एसीएमओ प्रतिरक्षण डॉ. एमके सिंह के नेतृत्व में टीम ने पड़ताल शुरू की। डॉ. एमके सिंह ने बताया कि अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञों, टीकाकरण टीम, मृत बच्ची के परिवारीजनों से पूछताछ की गई। कोल्ड चेन प्वाइंट और वैक्सीन का निरीक्षण कर जानकारी जुटाई और रिपोर्ट तैयार की। जिसे सीएमओ को सौंपा गया। अन्य बच्चों को भी लगा टीका डॉ. एमके सिंह ने बताया कि लोकबंधु अस्पताल में ही अन्य बच्चों को भी बुधवार को टीका लगाया गया है। जिस बच्ची की मौत हुई। उसी वॉयल से 18 बच्चों को ओपीवी, एफआईपीवी-22, पीसीवी-चार, पेंटावैलेंट-नौ और रोटा वायरस वैक्सीन से पांच बच्चों का प्रतिरक्षण किया गया। इनमें से किसी बच्चे को कोई समस्या नहीं हुई है। टीका के बाद बुखार आने की संभावना रहती है। वर्जन एसीएमओ प्रतिरक्षण डॉ. एमके सिंह की टीम ने पड़ताल की है। टीकाकरण के बाद बच्ची की मां ने उसे दूध पिला दिया था। इससे बच्ची बेहोश हो गई। सांस की नली और फेफड़े में दूध जाने से बच्ची की मृत्यु होने की संभावना है। डॉ. नरेंद्र अग्रवाल, सीएमओ, लखनऊ 10 दिन पहले भी हुई थी बच्ची की मौत मलिहाबाद के बिराहिमपुर गांव के राम धीरज कश्यप की 11 माह की बेटी अनन्या को आंगनबाड़ी केंद्र पर टीकाकरण के बाद 27 अप्रैल को 11 माह की अनन्या की मौत हो गई थी। राम धीरज के मुताबिक शनिवार को गांव के आंगनबाड़ी केंद्र टीकाकरण कार्यक्रम में एएनएम ऊषा गौतम ने अनन्या को मीजल्स एमआर, जेई फस्ट, बूस्टर फस्ट, विटामिन-ए का टीका लगाया था। आरोप है कि टीकाकरण के कुछ देर बाद ही अनन्या की हालत खराब होने लगी। देर रात अनन्या की हालत बिगड़ी और मौत हो गई। इस मामले में भी सीएमओ की टीम ने बताया था कि दूध पीने के बाद बच्ची की हालत बिगड़ी। सांस नली और फेफड़े में दूध फंसने से मौत हुई। राम धीरज ने भी बेटी का पोस्टमार्टम नहीं कराया था।

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