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विवेकानन्द के सपनों का भारत बनाने को तत्पर युवा

स्वामी विवेकानन्द...व्यक्ति नहीं विचार...ऐसे विचार जिनकी प्रासंगिकता कभी खत्म या कम नहीं हो सकती। उन्होंने सफलता का मंत्र दिया कि, 'उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक मंजिल प्राप्त न हो जाए'।...

विवेकानन्द के सपनों का भारत बनाने को तत्पर युवा
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊFri, 11 Jan 2019 08:29 PM
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स्वामी विवेकानन्द...व्यक्ति नहीं विचार...ऐसे विचार जिनकी प्रासंगिकता कभी खत्म या कम नहीं हो सकती। उन्होंने सफलता का मंत्र दिया कि, 'उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक मंजिल प्राप्त न हो जाए'। यह संदेश आज भी युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है। शनिवार को समाज सुधारक, युवा युग-पुरुष स्वामी विवेकानंद की 156वीं जयंती है जिसे 'राष्ट्रीय युवा दिवस' के रूप में भी जाना जाता है। इस विशेष अवसर पर हम ऐसे युवाओं की कहानियां लेकर आए हैं जो विवेकानन्द के आदर्शों को अपने जीवन का ध्येय बनाकर दूसरे के लिए जी रहे हैं। साथ ही कुछ युवाओं की बात जो विवेकानन्द के विचारों पर चलकर वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य को बेहतर बनाने की कोशिश में हैं...एक रिपोर्ट-

स्वावलम्बन की ज्योति से रोशन रही जिंदगियां

स्वामी विवेकानन्द से प्रेरित ज्योति बचपन से समाज के लिए कुछ करना चाह रही थीं। उन्हें सफलता मिली जीवन के 31वें पड़ाव पर। ज्योति को खाना बनाने का शौक था और इसी को उन्होंने जुनून बनाया। ज्योति टेढ़ी पुलिया चौराहा स्थित गायत्री मंदिर के पास रहती हैं। कुछ समय पहले तक केवल घर संभाल रही थीं अब कइयों का सहारा बन चुकी हैं। ज्योति ने अकुशल लोगों को स्वाबलंबी बनाने के लिए रेस्टोरेंट की शुराआत की। घर में काम करने वाली महिला को उन्होंने हेल्पर बनाया और दुबई से लौटे एक अदमी को कुकिंग सिखा कर शेफ बना दिया। इंदिरानगर में उन्होंने अपना रेस्टोरेंट जिसमें अब तक 10 लोगों को अपने खर्चपर से काम सिखाकर वह रोजगार दे चुकी हैं।

शाश्वत की लड़ाई भ्रष्टाचार के खिलाफ

एक निजी कंपनी में कार्यरत शाश्वत राज भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूकता अभियान चला रहे हैं। वह लोगों को यह बताने की कोशिश करते हैं कि हर अधिकारी भ्रष्ट नहीं होता। उन्होंने एक साप्ताहिक कार्यक्रम 'वीकेंड विद डिग्निटरीज' की शुरुआत की है। इसके तहत वह अच्छा काम कर रहे आईएएस व आईपीएस अधिकारियों का इंटरव्यू शूट करते हैं, फिर उसे सोशल मीडिया पर डालते हैं। ऐसा करके वह लोगों को उनके अधिकारों, अफसरों के काम करने के तरीकों और बेहतर काम कर रहे अधिकारियों के जीवन से अवगत कराते हैं। 5 जनवरी को उन्होंने वीडियो कॉल करके आईजी सतीश गणेश की जीएलए विवि के छात्र-छात्राओं से बात करवाई है।

युवाओं को संस्कार दे रहा विवेकानन्द केन्द्र

महानगर स्थित विवेकानन्द केन्द्र, 'स्वामी विवेकानन्द: व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र पुन: निर्माण' के आधार काम कर रहा है। केन्द्र का मुख्यालय कन्याकुमारी में है और महानगर में इसकी शाखा 1972 से काम कर रही है। हर साल लखनऊ केन्द्र के कार्यक्रम में 10 हजार से ज्यादा युवा हिस्सा लेते हैं। 7वीं से 10वीं कक्षा तक के बच्चों के लिए यहां संस्कार वर्ग भी चलता है। केन्द्र के कार्यकर्ता अश्विनी कुमार ने बताया कि केन्द्र में 11 लोगों की समिति है जो बच्चों को व्यक्तित्व विकास का प्रशिक्षण देती है। उन्होंने बताया कि स्वामी विवेकानन्द के विचारों को युवाओं तक पहुंचाने का काम केन्द्र लगातार कर रहा है।

युवा दिवस के कार्यक्रम

स्वामी विवेकानन्द की जयंती शनिवार को माधव सभागार निरालानगर में विद्या भारती अवध प्रांत की ओर से पूर्व छात्र सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विद्या भारती पूर्वी के क्षेत्रीय संगठन मंत्री डोमेश्वर साहू रहेंगे।

आई केयर इंडिया के विलेज विंडो प्लेटफार्म के तहत जैविक सत्याग्रह अभियान की शुरुआत की गई है। इस क्रम में शनिवार की सुबह राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर स्वस्थ लखनऊ यात्रा का आयोजन किया गया है। इसमें पांच किलोमीटर की पदयात्रा और 15 किलोमीटर की साइकिल राइड की शुरुआत 1090 चौराहा गोमती नगर से होगी।

स्वामी विवेकानंद व्यक्ति नहीं विचार हैं और युवा उन्हीं विचारों को अपना आदर्श मानते हैं। उन्होंने हमें अपनी विरासत, संस्कृति व भाषा पर गर्व करना सिखाया। दलगत विचारधाराओं से वह बहुत ऊपर थे। उन्होंने समर्पण, खुद पर विश्वास करने, जो सही है वह करने की सीख युवाओं को दी।- अजीत प्रताप सिंह, प्रदेश मीडिया संयोजक, एबीवीपी

स्वामी विवेकानन्द उस दौर के प्रगतिशील मार्गदर्शकों में से एक थे और आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं। आज की बात करें तो एक ओर कट्टरपंथी हैं और दूसरी ओर विवेकानन्द के विचारों को लेकर चलने वाले। राजनीति से जुड़ा हर युवा व्यक्ति विवेकानन्द के विचारों से सहमत है और उनसे इत्तेफाक रखता है। मेरा मानना है कि वह देश के सर्वाधिक लोकप्रिय विचारक रहे हैं।- पूजा शुक्ला, युवा नेता सपा

स्वामी विवेकानन्द के विचारों पर आज का हर युवा चलना चाहेगा। उनके बराबर तो कोई पहुंच ही नहीं सकता। जो युवा नकारात्मक सोच के चलते भटक जाते हैं, वे अगर उनके विचारों पर चल लें तो बेहतर जीवन और बेहतर राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं। वह ऐसे विचारक रहे हैं जिनके आदर्शों को न सिर्फ भारत, पूरा विश्व मानता है।- राहुल आनंद, युवा नेता. एनएसयूआई

सवामी विवेकानन्द को जितना पढ़ा है, मैं मानता हूं कि उनके विचार युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं। हम उनके रास्ते पर चलें तो बेहतर भविष्य बना सकते हैं। उन्होंने युवाओं को आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया, वह कहते थे कि जीवन में एक लक्ष्य तय करो और पूरे समर्पण के साथ उसे प्राप्त करने का प्रयास करो। उन्होंने पूरे विश्व को भारत के बारे में बताया।- बसंत कनौजिया, दलित युवा नेता

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