यूपी विस सुरक्षा में चूक: योगी नाराज, बोले- हो सकती है आतंकी साजिश, NIA करे जांच
उत्तर प्रदेश विधान भवन में विस्फोटक पाउडर मिलने के मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपी जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने शुक्रवार को विधानसभा में अपने भाषण के दौरान जब इस आशय का...
उत्तर प्रदेश विधान भवन में विस्फोटक पाउडर मिलने के मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपी जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने शुक्रवार को विधानसभा में अपने भाषण के दौरान जब इस आशय का प्रस्ताव रखा तो सदन ने सर्वसम्मति से उसे पारित कर दिया। इससे पहले सदन से घटना की कड़ी निन्दा की। सदन ने माना कि यह विधानसभा को उड़ाने की आतंकी साजिश भी हो सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी को भी सुरक्षा से खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी को भी सुरक्षा जांच कराने में शर्म नहीं आनी चाहिए। सुरक्षा में सेंध लगाने वालों का पता लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री के भाषण के बाद विधायकों को छोड़ सभी के वाहन पास निरस्त करने और विधायकों के मोबाइल अंदर ले जाने कर प्रतिबंध लगा दिया गया। विधायक भी अपने साथ किसी को नहीं ले जा सकेंगे। उनके ड्राइवरों के लिए भी अलग से पास जारी होगा। पूर्व विधायकों का भी वाहन पास निरस्त किया जाएगा।
बॉडी स्कैनर मशीनें लगेंगी
विधानसभा की सुरक्षा के लिए अब विधान भवन के सभी प्रवेश द्वारों पर क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) तैनात की जाएगी। प्रवेश द्वार पर पूरा शरीर चेक करने के लिए स्कैनर मशीन लगाई जाएगी।
सदन में विस्फोटक मिलने की जांच एनआईए से
उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सदन में मिले विस्फोटक की जांच नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) से कराने की घोषणा की है। सदन की कार्यवाही शुरु होते ही नेता सदन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सुनने के बाद दीक्षित ने कहा कि विस्फोटक को सदन के अन्दर लाने, रखने और साजिश आदि की जांच एनआईए से होनी ही चाहिए। उन्होंने इसे सुरक्षा में एक चुनौती मानते हुए सभी से एकजुट होकर सहयोग देने की अपील की।
बेहद खतरनाक है विस्फोटक: योगी
योगी ने कहा कि यह मामला 22 करोड़ लोगों की सुरक्षा से जुडा है। इसका खुलासा होना ही चाहिये। इसमें सभी सदस्य सहयोग करेंगे। योगी ने कहा कि सुरक्षा सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। इसमें सबका सहयोग जरुरी है। सफाईकर्मियों को मिला पाउडर पहले सामान्य लगा। लगा कि कोई सामान्य रसायन है, लेकिन जांच के बाद मिले लैब की रिपोर्ट से पता चला कि यह शक्तिशाली विस्फोटक पीईटीएन है। मात्रा तो केवल 150 ग्राम थी लेकिन इसके विस्फोट से बड़ा नुकसान हो सकता था। पूरे विधानभवन को उड़ाने के लिये 500 ग्राम यह विस्फोटक काफी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सवाल यह उठता है कि आखिर वे कौन लोग हैं जिन्होंने इसे यहां तक पहुंचाया। जनप्रतिनिधियों के विशेषाधिकार हैं तो क्या उन्हें सुरक्षा में छूट दे देंगे। यह खतरनाक प्रवृत्ति है। खतरनाक स्थिति पैदा हो गयी है। विधानभवन के कर्मियों का पुलिस वैरीफिकेशन होना चाहिये। उन्होंने कहा कि जो भी विधानभवन के अन्दर आये उसकी गहन तलाशी होनी चाहिये। वह जब पहली बार विधान भवन आये तो उन्हें अचरज लगा क्योंकि विधानसभा के सदस्यों से ज्यादा अन्य लोग इधर-उधर घूम रहे थे। किसी को सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने की छूट नहीं दी जा सकती।
किसी सरकार को इतनी जल्दी विफल होते नहीं देखा-कांग्रेस
कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद ने विस्फोटक मिलने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, विस्फोटक अगर विपक्ष के नेता की सीट के नीचे मिल सकता है तो कल्पना कीजिए कि यूपी में कानून-व्यवस्था का क्या हाल है। किसी सरकार को इतनी जल्दी विफल होते नहीं देखा।
इस बीच प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि विधानसभा के अंदर विस्फोटक बरामद होना खतरनाक स्थिति है और इसकी गहन जांच करके तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। विधानसभा के अंदर अगर कोई अवांछनीय वस्तु रखी जा सकती है तो उत्तर प्रदेश कितना सुरक्षित है इसकी कल्पना करना ज्यादा मुश्किल नहीं है। कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि यह प्रकरण विधानसभा जैसी कड़ी सुरक्षा वाले परिसर की सुरक्षा में गंभीरतम चूक है और सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।