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गन्ना किसानों की ब्याजमाफी पर हुई सुनवाई, मिल मालिकों व किसानों के प्रतिनिधियों ने रखे अपने-अपने पक्ष

विशेष संवाददाता - राज्य मुख्यालयगन्ना किसानों को उनके बकाया गन्ना मूल्य पर ब्याज देने के मुद्दे पर सोमवार को गन्ना आयुक्त विपिन कुमार द्विवेदी ने चीनी मिल मालिकों व गन्ना किसानों का पक्ष सुना। बीती...

गन्ना किसानों की ब्याजमाफी पर हुई सुनवाई, मिल मालिकों व किसानों के प्रतिनिधियों ने रखे अपने-अपने पक्ष
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊMon, 12 Jun 2017 09:43 PM
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विशेष संवाददाता - राज्य मुख्यालयगन्ना किसानों को उनके बकाया गन्ना मूल्य पर ब्याज देने के मुद्दे पर सोमवार को गन्ना आयुक्त विपिन कुमार द्विवेदी ने चीनी मिल मालिकों व गन्ना किसानों का पक्ष सुना। बीती नौ मार्च को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस मामले में दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को निर्देश दिए थे कि बकाया गन्ना मूल्य समय से न देने वाली चीनी मिलों से बकाए पर ब्याज दिलवाने के मुद्दे पर सभी संबंधित पक्षों को सुनकर चार महीने के भीतर अदालत में रिपोर्ट पेश की जाए। अदालत के इन्हीं निर्देशों का पालन करते हुए सोमवार को चीनी मिल मालिकों और किसानों के तर्क सुने गए। सहकारी गन्ना विकास समितियों की ओर से विक्रमजोत सहकारी गन्ना विकास समिति लि. ने गन्ना आयुक्त से कहा कि कोई भी गन्ना किसान सरकार द्वारा मिल मालिकों को ब्याज माफी देने के लिए किसी भी सूरत में तैयार नहीं है। गन्ना विकास समितियों के अन्य अध्यक्षों के हस्ताक्षर से एक ज्ञापन भी गन्ना आयुक्त को दिया गया। इसमें कहा गया कि गन्ना किसान अपनी खेती के लिए किसी भी संस्था से कर्ज लेता है तो उस संस्था को किसान द्वारा ब्याज देना पड़ता है और मिल मालिक द्वारा गन्ने का भुगतान विलम्ब से देने पर उस कर्जे पर किसान को पेनाल्टी भी देनी पड़ती है।इस ज्ञापन पर सहकारी गन्ना विकास समिति बहेड़ी बरेली के अध्यक्ष केन्द्रपाल सिंह, कुशीनगर की गन्ना समिति छितौनी के अध्यक्ष राजकुमार सिंह, रामकोला खेतान कुशीनगर गन्ना समिति के अध्यक्ष विचित्र नारायण सिंह सहित एक दर्जन से अधिक अध्यक्षों के हस्ताक्षर हैं।

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