एसडीएम की गाड़ी और रोडवेज बस फूंकने वालों पर मुकदमा
बुधवार को रात जिला मुख्यालय से करीब 22 किमी दूर लखनऊ-बलिया हाइवे पर स्थित बरौसा बाजार में रोड जाम कर रहे ग्रामीणों ने एसडीएम कादीपुर की गाड़ी और रोडवेज की एक बस फूंक दी थी। गुरुवार को गम्भीर धाराओं...
बुधवार को रात जिला मुख्यालय से करीब 22 किमी दूर लखनऊ-बलिया हाइवे पर स्थित बरौसा बाजार में रोड जाम कर रहे ग्रामीणों ने एसडीएम कादीपुर की गाड़ी और रोडवेज की एक बस फूंक दी थी। गुरुवार को गम्भीर धाराओं में 37 नामजद समेत 87 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। करीब एक दर्जन ग्रामीणों को गिरफ्तार कर लिया है। डर से गुरुवार को बरौसा बाजार की दुकानें बन्द रहीं। दोपहर बाद इक्का-दुक्का दुकानें खुलीं।
ऐसे भड़के लबदहा और आसपास के गांवों के लोग
मंगलवार की रात लबदेहा के रामजीत यादव की गोली मार कर हत्या के बाद प्रशासन और पुलिस की उपेक्षा के कारण लाश का पीएम तीसरे दिन हो सका। पीएम में देरी को लेकर भड़के गांव वाले बुधवार शाम बरौसा बाजार में एकत्र होकर हुए। लाश के पहुंचने पर पुलिस को सबक सिखाने पर अड़ गए।
शाम 6 बजे से जाम, डीएम-एसपी रात 9. 35 पर पहुंचे
शाम छह बजे शव पहुंचते ही करीब तीन सौ प्रदर्शनकारी ग्रामीण व महिलाओं ने शव लखनऊ-बलिया हाइवे पर रखकर बरौसा बाजार में जाम लगा दिया। दोनों तरफ वाहनों की लम्बी कतार लग गई। ग्रामीण जिद पर अड़ गए कि डीएम-एसपी मौके पर आएं। रात करीब 9.30 बजे तक दोनों अधिकारी के मौके पर नहीं पहुंचे। फिर भीड़ भड़क गई। बवाल बढ़ने पर एसडीएम कादीपुर मोतीलाल सिंह, सीओ जयसिंहपुर धर्मेन्द्र सचान, नायब तहसीलदार शिव नरेश सिंह ने समझाने का प्रयास किया, मगर भीड़ नहीं मानी। वे डीएम-एसपी के आने पर अड़े रहे। सब्र का बांध टूटने पर बवाल बढ़ गया। भीड़ ने यहां रोडवेज बस में आग लगाई, एसडीएम कादीपुर की गाड़ी फूंकी। अधिकारियों-पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया।
गुस्से को नहीं भांप पाए मौके के अधिकारी
प्रदर्शनकारी ग्रामीणों का कहना था कि 29 मई की रात सवा दस बजे जब ग्रामीण बैंक की फ्रेंचाइजी चलाने वाले रामजीत यादव की लबदेहा गांव के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, फिर 30 मई को शव का पोस्टमार्टम क्यों नहीं कराया गया? क्या इसके लिए पुलिसकर्मी व डाक्टर दोषी नहीं हैं?
सब्र का बांध टूटने पर तोड़फोड़, आगजनी
बरौसा में बुधवार को शाम 6 बजे से रोड जाम की भीड़ रात करीब 8.20 बजे उग्र हो गई। 8.25 बजे ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। देखते-देखते भीड़ बेकाबू हो गई। पथराव होते ही अधिकारी व पुलिसकर्मी जान बचाकर भागे। प्रदर्शनकारियों का बरौसा चौराहे पर एक घंटे तक पूरी तरह से कब्जा रहा। पथराव में एसओ दोस्तपुर आजाद सिंह केसरी और सीओ जयसिंहपुर चोटहिल हो गए। साढ़े नौ बजे बरौसा चौराहा छावनी में तब्दील हो गया। तब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठियां भांज कर उन्हें खदेड़ दिया। लाठीचार्ज में कई महिलाएं व प्रदर्शनकारियों को चोटें आई हैं।
सीओ जयसिंहपुर धर्मेन्द्र सचान ने बताया कि आगजनी, तोड़फोड़ और बवाल मामले में 37 लोगों के खिलाफ नामजद समेत 87 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। बवाल में शामिल दस ग्रामीणों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गुरुवार को रामजीत के शव का अंतिम संस्कार करा दिया गया। मौके पर शांति कायम है। एहतियातन पुलिस और पीएसी तैनात है।