जीवन की सबसे उम्दा दौड़ लगा सुधा ने वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई किया
राजधानी के स्पोटर्स हॉस्टल की पूर्व एथलीट रायबरेली की सुधा सिंह ने ऐसा कमाल कर दिया जो आज तक देश की कोई महिला नहीं कर सकी। उन्होंने रविवार को मुम्बई मैराथन के भारतीय वर्ग में अपने कॅरियर का...
राजधानी के स्पोटर्स हॉस्टल की पूर्व एथलीट रायबरेली की सुधा सिंह ने ऐसा कमाल कर दिया जो आज तक देश की कोई महिला नहीं कर सकी। उन्होंने रविवार को मुम्बई मैराथन के भारतीय वर्ग में अपने कॅरियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए न सिर्फ पहला स्थान हासिल किया बल्कि दोहा में होने वाली वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में दौड़ने का हक भी पा लिया। उन्होंने यह दौड़ 2 घंटा 34 मिनट 56 सेकेंड में पूरी की। जबकि वर्ल्ड मैराथन के लिए क्वालीफिकेशन मार्क 2 घंटा 37 मिनट था। सुधा का इससे पहले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2 घंटा 35 मिनट 35 सेकेड था जो उन्होंने बीजिंग में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप (2015) में बनाया था।
सुधा देश की ऐसी बिरली एथलीट हैं जिसने स्टीपल चेज में एशियाई खेल में एक स्वर्ण और एक रजक पदक जीते। स्टीपलचेज में ही ओलंपिक में हिस्सा लिया और वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी। इसके साथ ही उन्होंने मैराथन में भी झण्डे गाड़े। यह तीसरा मौका है जब उन्होंने वर्ल्ड मैराथन के लिए क्वालीफाई किया है। इसके पूर्व जकार्ता एशियाई खेल के तुरंत बाद कांटिनेंटल एथलेटिक्स चैंपियनशिप में एशिया पेसिफिक की तरफ से हिस्सा लेने वाली वह राज्य की पहली महिला एथलीट हैं। यह कारनामा आज तक लम्बी दूरी की दौड़ में देश की कोई एथलीट नहीं कर पाई है।
मुम्बई मैराथन की चैंपियन बनने के बाद सुधा ने बताया कि इसके लिए उन्होंने जबरदस्त तैयारी की थी। जकार्ता एशियाई खेल के बाद कांटिनेंटल चैंपियनशिप और उसके बाद अंतर रेलवे में उन्होंने उम्दा प्रदर्शन किया। इसके बाद उनके कोच सुरेंद्र सिंह ने उन्हें दो-चार दिन विश्राम का मौका दिया। फिर मैराथन की ट्रेनिंग कराने लगे। उन्होंने कहा कि अब वह सितम्बर या अक्तूबर में होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए तैयारी करेंगी।