पीजीआई में 45 दिन के नवजात का ऑपरेशन कर बंद किया दिल का छेद
Lucknow News - पीजीआई में पहली बार 45 दिन के नवजात का दिल का ऑपरेशन सफल रहा। डॉक्टरों ने नई पीडीए तकनीक का इस्तेमाल कर बच्चे के दिल के छेद को बंद किया। यह ऑपरेशन यूपी के सरकारी चिकित्सा संस्थानों में पहला है। नवजात...
पीजीआई में पहली बार महज 45 दिन के नवजात के दिल का ऑपरेशन किया गया है। कॉर्डियोलॉजी और नियोनेटल विभाग के डॉक्टरों ने पहली बार नई पीडीए तकनीक का इस्तेमाल कर बच्चे के दिल के छेद को छोटी सी डिवाइस से बंद करने में सफलता पायी है। दावा है कि सरकारी संस्थानों में पूरे प्रदेश में इस तरह से किसी नवजात का पहली बार ऑपरेशन किया गया है। गोरखपुर के दंपति के जुड़वां बच्चे हुए
गोरखपुर निवासी दंपति के जुड़वां बच्चे हुए। पीजीआई के कॉर्डियोलॉजी विभाग के डॉ. अंकित साहू ने बताया कि दोनों बच्चे सात माह में पैदा हुए। प्रीमेच्योर प्रेग्नेंसी में बच्चे का वजन आठ सौ ग्राम था। उसे सांस लेने में तकलीफ के चलते वेंटिलेटर पर भर्ती रखा गया। दवाओं के इस्तेमाल से बच्चे के दिल के छेद को बंद करने की पूरी कोशिश होती रही, लेकिन दवाओं से छेद बंद करने में सफलता नहीं मिली। दूसरे बच्चे को भी कुछ दूसरी बीमारियां हैं, जिसका इलाज चल रहा है।
अमेरिका से मंगाई नई डिवाइस
ऐसे में डॉक्टरों की टीम ने सारी जांचें करवाकर नवजात के दिल का ऑपरेशन करने की ठानी। दो दिन पहले डॉक्टरों की टीम ने अमेरिका से मंगाई गई नई तकनीक पीडीए पर आधारित पिकोलो डिवाइस (चार गुणे दो एमएम की डिवाइस) को बच्चे के दिल के छेद में डाल दिया, जिससे छेद हमेशा के लिए पूरी तरह से बंद हो गया। यह डिवाइस मटर के दाने के चौथाई हिस्से के बराबर की होती है। दावा है कि अब बच्चा पूरी तरह से सुरक्षित और स्वस्थ है।
एक सप्ताह में कर देंगे छुट्टी
उसका वजन भी बढ़ने लगा है। वेंटिलेटर से जल्द ही हटाकर अगले सप्ताह तक नवजात की छुट्टी कर दी जाएगी। डॉ. अंकित ने बताया कि वैसे बच्चों की थोड़ी उम्र बढ़ने पर ही इस तरह का ऑपरेशन किया जाता है, लेकिन इस बार पीडीए तकनीक से डिवाइस का इस्तेमाल कर महज 45 दिन के नवजात के दिल के छेद को बंद करने में सफलता मिली है। यूपी के सरकारी चिकित्सा संस्थानों में ऐसा पहला ऑपरेशन हुआ है।
ऑपरेशन करने वाली टीम
ऑपरेशन करने वाली टीम में पीजीआई के कॉर्डियोलॉजी विभाग के डॉ. अंकित साहू, नियोनेटल विभाग से डॉ. सुशील व डॉ. कीर्ति, पीजीआई एल्युमिनाई व जबलपुर के डॉ. केएल उमा माहेश्वर शामिल रहे।
क्या होता है पीडीए
जन्म से पहले दिल में एक रक्तवाहिका होती है, जो महाधमनी को पल्मोनरी धमनी से जोड़ती है। इस रक्तवाहिका डक्टस आर्टीरियोसस से माता के प्रचुर ऑक्सीजन युक्त खून को बच्चे के शरीर में ले जाया जाता है। आमतौर पर जन्म के तुरंत बाद वाहिका बंद हो जाती है। जब डक्टस आर्टीरियोसस खुला होता है तो इसे पेटेंट डक्टस आर्टीरियोसस या पीडीए कहा जाता है।
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