‘एकजुट होने से ही होगा सिन्धी भाषा का विकास
लखनऊ। निज संवाददाता
लखनऊ। निज संवाददाता
सिन्धी भाषा के विकास के लिए हम सबको एकजुट होना होगा। हम अपने तीज त्योहारों को वृहद स्तर पर मनाएं। जिससे हमारी युवा पीढ़ी अपनी भाषा के प्रति जागरुक हो। यह बातें उत्तर प्रदेश सिन्धी अकादमी के उपाध्यक्ष नानक चंद लखमानी ने कहीं। वह रविवार को उत्तर प्रदेश सिन्धी अकादमी व सिन्धी गुलशन की ओर से हरिओम मन्दिर में आयोजित संगोष्ठी ‘सिन्ध जैसा देखा, जैसा सुना, जैसा पढ़ा को सम्बोधित कर रहे थे। इस दौरान यशभारती पुरस्कार विजेता सिन्धी गायिका पद्मा गिडवानी को सम्मानित भी किया गया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि महापौर संयुक्ता भाटिया ने सिन्धी समाज के विकास की कामना की। साथ ही उन्होंने सिन्धी गायिका पद्मा गिडवानी को सम्मानित कर जन्म दिन की बधाई दी। महापौर ने कहा कि लखनऊ को नंबर वन शहर बनाना है। नगर निगम की ओर से लगातार स्वच्छता के लिए अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन इसका पूरा असर अभी नहीं दिख रहा। बड़ों के साथ स्वच्छता अभियान में बच्चों को जोड़ा गया है। जो काम बड़े नहीं कर पाते वह बच्चे कर लेते हैं। साथ ही संयोजक सुरेश छबलानी ने पद्मा गिडवानी के योगदान पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन प्रकाश गोधवानी ने किया। इस मौके पर शिव शांति आश्रम के साई मोहन दास, मुरलीधर आहूजा, राम बालाणी, इंद्रा मदान, हरीश बाधनानी, वीरेंद्र जेसवानी, अशोक शर्मा व सुरेश छाबड़ा सहित कई लोग उपस्थित रहे।
भजन प्रस्तुति ने किया मंत्रमुग्ध
सिंधी भजन संध्या में गायिका पद्मा गिडवानी ने सिधी कविवर नारायण श्याम के लिखे गीत ‘पढजे त हुई सिन्धु ऐ सिन्धु वादन जी बोली संग मिठिड़ी अवाणी बोली सुनाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर लिया। वहीं कनिका अशोक गुरनानी ने ‘तू बि चओ त मॉ बि चवॉ, लाल लाल झूले लाल झूले लाल गाकर समां बांध दिया। अनूप केसवानी ने झूलड़ मुहिन्जो पार लगाई बेढ़ी तयी मजधार सुनाया। गायिका कनिका गुरुनानी ने तन मिठिड़ी मन मिठिड़ी और अरे झिरमिर आहा झिरमिश्र अरे झिरमिर सुनाया। संगत में ऑक्टो पैड पर सूरज, पवन कुमार, ढोलक पर सुंदर व की-बोर्ड पर राहुल ने साथ दिया।