सोशल मीडिया में शिवपाल ने खुद को बताया समाजवादी सेकुलर मोर्चा का नेता
सपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व विधायक शिवपाल ने अब सोशल मीडिया में भी खुद समाजवादी सेकुलर मोर्चा का नेता बताया है। अपने ट्वीटर और फ़ेसबुक अकाउंट से शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी का नाम हटा दिया है।...
सपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व विधायक शिवपाल ने अब सोशल मीडिया में भी खुद समाजवादी सेकुलर मोर्चा का नेता बताया है। अपने ट्वीटर और फ़ेसबुक अकाउंट से शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी का नाम हटा दिया है।
इस तरह शिवपाल ने अपने ट्विटर व फेसबुक अकाउंट पर अपनी सपा नेता वाली के बजाए नए पहचान दर्शायी है। उनके पहले के टि्वटर एकाउंट पर वरिष्ठ नेता समाजवादी पार्टी लिखा होता था। अब समाजवादी सेकुलर मोर्चा के नेता के तौर पर उनका परिचय दर्ज हो गया है। हालांकि उसमें जनसभा को संबोधित करते हुए पुराना फोटो को बरकरार रखा गया है।
शिवपाल पहले ही लोकसभा की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। अब वह अपने समर्थकों को एकजुट करने पश्चिमी यूपी के दौरे पर हैं। सपा में उपेक्षित चल रहे कई नेता उनके संपर्क में आ रहे हैं। समाजवादी पार्टी को अपनी प्रदेश कार्यकारिणी जल्द घोषित करनी है। पार्टी अब इसमें ज्यादा से ज्यादा लोगों को समायोजित करने की कोशिश में है। माना जा रहा है कि प्रदेश कार्यकारिणी घोषित होने के बाद जगह न मिलने वाले तमाम नेता शिवपाल की ओर रुख करेंगे। लोहिया ट्रस्ट में शिवपाल समर्थकों का जमावड़ा बढ़ने लगा है।
शिवपाल के तेवर से सपा में बेचैनी
शिवपाल द्वारा अलग राह पकड़ लेने के बाद सपा में बेचैनी है। हालांकि मुलायम सिंह यादव चाहते हैं कि शिवपाल अपने बढ़े कदम वापस खींच लें। अखिलेश यादव अभी इस मुद्दे पर कुछ खुल कर नहीं बोले रहे। लेकिन देर सबेर उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई करनी पड़ सकती है।
महागठबंधन पर हो सकता है असर
वैसे तो सपा बसपा, कांग्रेस व रालोद के बीच होने वाले गठबंधन का स्वरूप सामने नहीं आया है लेकिन अगर शिवपाल सभी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे तो इससे गठबंधन प्रत्याशियों की संभावनाओं पर प्रतिकूल असर हो सकता है। शिवपाल यादव बहुल वाली कई सीटों पर असर है। अब ऐसी हालत में मुलायम का क्या रुख होगा यह देखने वाली बात होगी।