शहर के विभिन्न इलाकों में हादसों को दावत दे रहे खुले मैनहोल
sewer chamber
- स्थानीय लोग कई बार क्षेत्रीय पार्षद व जलकल विभाग को करा चुके हैं अवगत लखनऊ। निज संवाददाताकृष्णानगर के साकेपुरी में एक मासूम की सेफ्टी टैंक में गिरने से मौत की घटना के बाद भी जलकल विभाग चेतने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को हिन्दुस्तार अखबार ने शहर के विभिन्न इलाकों में खुले पड़े मैनहोल की पड़ताल की तो यह हकीकत सामने आई। शहर के विभिन्न इलाकों में मुख्य मार्गों के साथ-साथ गली-मोहल्लों के अंदर के रास्तों में खुले पड़े मैनहोल व उनके टूटे ढक्कन हादसों को दावत दे रहे हैं। आए दिन स्थानीय लोग व वाहन चालक इनमें गिरकर चोटिल हो रहे हैं। शिकायत करने पर टूटे चैंबरों की मरम्मत भी नहीं की जा रही है। टूटे ढक्कन भी बदले नहीं जा रहे हैं। जलकल विभाग की कार्यशैली का यह आलम है कि महापौर के इलाके में ही 25 दिन से पूरननगर से मानकनगर स्टेशन जो वाले मुख्य मार्ग पर दो जगह मैनहोल खुले पड़े हैं। एक तो ठीक एक स्कूल के सामने है। जिस पर आसपास के लोगों लकड़ी का फ्रेम रख दिया है ताकि लोग गढ्ढे में गिरने से बच सकें। इसी प्रकार विभूतिखंड में पिकप बिल्डिंग के बगल में बाउंड्री वॉल के पास मेनहोल खुला पड़ा मिला। इसका ढक्क्न गायब था। विभूतिखंड में एक होटल के पास वाली गली में एक बड़े चैंबर को स्थानीय लोगों ने दो छोटे-छोटे ढक्कनों व लोहे के पटरे से ढक दिया है। इसी प्रकार बांसमंडी से अमीनाबाद जाने वाली रोड व नरही में चैंबर टूटा मिला। ट्रॉमा सेंटर के पास चैंबर के साथ-साथ सड़क तक धंस गई है।