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सातवें चरण की सीटें नेताओं  को करा रहीं धार्मिक पर्यटन

आम चुनाव का सातवां चरण नेताओं को धार्मिक पर्यटन करा रहा है। इस चरण की सीटों में दो ज्योतिर्लिंग और कई शक्तिपीठ हैं। वोट की राजनीति के बीच इन धार्मिक स्थलों पर नेताओं का मेला लग रहा है। हिन्दुओं के...

सातवें चरण की सीटें नेताओं  को करा रहीं धार्मिक पर्यटन
हेमंत श्रीवास्तव, लखनऊ Fri, 17 May 2019 12:32 PM
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आम चुनाव का सातवां चरण नेताओं को धार्मिक पर्यटन करा रहा है। इस चरण की सीटों में दो ज्योतिर्लिंग और कई शक्तिपीठ हैं। वोट की राजनीति के बीच इन धार्मिक स्थलों पर नेताओं का मेला लग रहा है। हिन्दुओं के साथ ही सिक्खों के कई प्रमुख धार्मिक स्थल वाले क्षेत्र इस चरण के चुनाव में शामिल हैं। राजनीतिक यात्राओं के क्रम में नेतागण मन्नतें मांगने, शीश नवाने और हवन-पूजन का कार्यक्रम भी साथ लेकर चल रहे हैं। 

लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के बाद से ही देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर सभी प्रमुख दलों के बड़े नेताओं का आना-जाना बढ़ गया था। अब जबकि चुनाव आखिरी चरण में पहुंच गया है, दर्शन-पूजन का क्रम तेज हो गया है। आस्था के केंद्रों पर माथा टेकने वह नेता भी जा रहे हैं जिनके क्षेत्र में मतदान हो चुका है। बुधवार को भाजपा नेता केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह मिर्जापुर में थे तो उन्होंने माता विंध्यावसिनी के दरबार में हाजिरी लगाई। वहीं प्रियंका गांधी ने वाराणसी में रोड-शो के बाद श्री काशी विश्वनाथ और बाबा कालभैरव के दरबार में माथा टेका। पीएम नरेंद्र मोदी भी रोड-शो के बाद श्री काशी विश्वनाथ के दरबार में गए थे। दूसरे दिन काल भैरव का दर्शन किया था। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी वाराणसी और मिर्जापुर के आस्था के केंद्रों पर जा चुके हैं। 

ज्योतिर्लिंग श्री काशी विश्वनाथ और महाकालेश्वर:सातवें चरण में आठ राज्यों की 59 सीटों पर मतदान होना है। इसम यूपी का वाराणसी और मध्यप्रदेश का उज्जैन सीट भी शामिल है। ये दोनों शहर दो ज्योतिर्लिंग के कारण हिन्दुओं के प्रमुख आस्था का केंद्र हैं। इन दोनों शहरों की जीवनशैली बहुत कुछ मिलती जुलती है। मंदिरों में होने वाले मंत्रोच्चार और हवन-पूजन इन शहरों को जीवंतता प्रदान करते हैं। इतना ही नहीं इन दोनों शहरों में दो शक्तिपीठ भी हैं। उज्जैन में अवंती मंदिर तो वाराणसी में मणिकर्णिका पवित्र स्थल है।  

पूर्ण शक्तिपीठ विंध्यवासिनी तीर्थ मिर्जापुर:मिर्जापुर में मां विंध्यवासिनी धाम है। पुराणों में इसे जाग्रत और पूर्ण शक्तिपीठ कहा गया है। यहां पर सती पूर्णता में विराजमान हैं। मान्यता है कि यहा तप करने वाले को अवश्य सिद्धि मिलती है। विंध्याविसिनी के दरबार में कई नेता हाजिरी लगा चुके हैं। चुनाव में जीत और सरकार बनाने के लिए मां के दरबार में मन्नतें भी मांगी जा रही हैं। 

हिमाचल में ज्वाला देवी और चामुंडा देवी :हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में मां ज्वाला देवी और मां चामुंडा देवी का पवित्र धाम है। यह दोनों स्थल 51 शक्तिपीठों में शामिल हैं। हिमाचल की खुबसूरती के बीच इन दोनों धार्मिक स्थलों तक पहुंचने की इच्छा हर हिंदू की रहती है। कांगड़ा सीट पर भी चुनाव इसी चरण में है। 

सिखों के तख्त साहिबान वाली सीट भी इसी चरण में

सिख धर्म में पांच प्रमुख तख्त साहिबान हैं। श्री अकाल तख्त साहिब (अमृतसर), तख्त श्री केशगढ़ साहिब (आनंदपुर साहिब), तख्त श्री दमदमा साहिब (तलवंडी साबो) तथा तख्त श्री पटना साहिब (पटना) में भी चुनाव इसी चरण में है।  चार तख्त वाले पवित्र स्थल अमृतसर, पटना, आनंदपुर साहिब और बठिंडा संसदीय क्षेत्र में मतदान सातवें चरण में ही है। तख्त साहिब को न्याय और लौकिक गतिविधियों के वितरण का प्रतीक माना जाता है। 

शक्ति का केंद्र मां कालीघाट शक्तिपीठ कोलकाता 
इस चरण में पश्चिम बंगाल की नौ संसदीय क्षेत्रों में भी मतदान होना है। इन सीटों में दमदम, बारासात, बशीरहाट, जयनगर, मथुरापुर, डायमंड हार्बर, जाधवपुर, कोलकाता दक्षिण और कोलकाता उत्तर सीट शामिल है। कालीघाट शक्तिपीठ कोलकाता में है। कोलकाता काली माता के मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। माँ सती के दाएं पैर की कुछ अंगुलिया इसी जगह गिरी थीं। आज यह जगह काली भक्तों के लिए आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है।   

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