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रामायण विश्वकोश प्रोजेक्ट में विदेश मंत्रालय से मांगा सहयोग व मार्गदर्शन

-प्रमुख सचिव संस्कृति ने विदेश मंत्रालय के अपर सचिव को लिखा पत्र बयान में उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने पिछले दस वर्षों से इन दोनों बोर्ड में फैले भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई से करवाने की...

रामायण विश्वकोश प्रोजेक्ट में विदेश मंत्रालय से मांगा सहयोग व मार्गदर्शन
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊWed, 20 May 2020 06:36 PM
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-प्रमुख सचिव संस्कृति ने विदेश मंत्रालय के अपर सचिव को लिखा पत्रविशेष संवाददाता-राज्य मुख्यालयप्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग ने रामायण विश्वकोश बनाने की महत्वाकांक्षी योजना में अब विदेश मंत्रालय से भी सहयोग मांगा है। इस बाबत राज्य के प्रमुख सचिव संस्कृति जितेन्द्र कुमार ने विदेश मंत्रालय के डेवलपमेंट पार्टनरशिप एडमिनिस्ट्रेशन प्रकोष्ठ के अपर सचिव अखिलेश मिश्र को हाल ही में एक पत्र लिखा है।इस पत्र में कहा गया है कि सभी भारतीय दूतावासों और भारतीय उच्चायोग से रामायण विश्वकोश के लिए विदेशों के रामायण विशेषज्ञों का चयन और अन्य सहयोग प्रदान किया जाए। संबंधित देशों से एक सुविज्ञ अधिकारी को नोडल आफिसर नियुक्त करवाया जाए। यह नोडल अधिकारी इस पूरी परियोजना के प्रभारी अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डा. योगेन्द्र प्रताप सिंह के सम्पर्क में रहेंगे। पत्र में कहा गया है कि ऐसे देश जहां मूर्त और अमूर्त विरासतों के रूप में प्रत्यक्ष रूप से रामायण संस्कृति उपलब्ध नहीं है फिर भी ऐसे देश आमजनों, विद्वानों,शोधार्थियों द्वारा रामायण से संबंधित शोध कार्य, प्रकाशन, प्रदर्शन आदि करवाते हैं। प्रमुख सचिव संस्कृति ने अपने पत्र में विदेश मंत्रालय में एक विशेष प्रकोष्ठ का गठन किए जाने पर खुशी जताई है। इस प्रकोष्ठ का मुख्य उद्देश्य विदेश में संस्कृति और विरासत के संबंध में योजनाओं का समन्वय और आपसी सहयोग किया जाना है। इस प्रकोष्ठ द्वारा विदेश में संस्कृति और विरासत के संरक्षण, प्रदर्शन और दस्तावेजीकरण में सहयोग प्रदान किया जाएगा। पत्र में कुल 9 बिन्दुओं पर विदेश मंत्रालय से सहयोग और मार्गदर्शन की अपेक्षा की गई है।इनमें रामायण स्थापत्य के बाबत विदेशों में राम-हनुमान-जानकी आदि मंदिरों का विवरण, पूरा पता, इतिहास, विदेश में राम-हनुमान-जानकी आदि की मूर्तियों, मैदानी रामलीलाओं, रामायण बैले, रामायण चित्रकला, पपेट, रामायण साहित्य, रामायण गान, संग्रहालयों, विश्वविद्यालयों व पुस्तकालयों आदि में रामायण से संबंधित सामग्री, रामायण व रामचरित मानस के अनुवाद ग्रंथ आदि के दस्तावेजीकरण के लिए समुचित सहयोग किए जाने की अपेक्षा की गयी है।

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