एससी-एसटी एक्ट का दुरुपयोग किए जाने पर आयोग सख्त
मथुरा पुलिस को दिया झूठा मुकदमा दर्ज कराने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करने का...
बड़ा कदम-मथुरा पुलिस को दिया झूठा मुकदमा दर्ज कराने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्देश -पांच ब्राह्मणों को किया गया था नाजमद, एससीएसटी आयोग ने की सराहना प्रमुख संवाददाता-राज्य मुख्यालय उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति जनजाति के अध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व डीजीपी बृजलाल ने एससी-एसटी एक्ट का दुरुपयोग किए जाने पर सख्त नाराजगी जताई है। उन्होंने मथुरा पुलिस को झूठा मुकदमा लिखवाने और झूठा साक्ष्य बनाने के संबंध में अलग से मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया है। उन्होंने मामले का सही खुलासा करने के लिए मथुरा पुलिस की सराहना की है और कहा है कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के दुरुपयोग को आयोग कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। ऐक्ट का दुरुपयोग किए जाने पर आयोग कठोर कार्रवाई करेगा। आयोग ने मथुरा की घटना के संबंध में समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर का संज्ञान लेते हुए यह निर्देश जारी किया है। घटना मथुरा के नौहझील थाना क्षेत्र के भैरई गांव की है। भैरई गांव में अनुसूचित जाति के 6 वर्षीय बालक प्रिंस की हत्या हुई थी, जिसमें गांव के ही एक ब्राह्मण परिवार के पांच लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया था और उसमें मृत बालक की मां ने एससी-एसटी एक्ट के प्रावधानों के तहत चार लाख साढ़े बाइस हजार रुपये की पहली किस्त भी प्राप्त कर ली थी। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया था। इस बीच आरोपी परिवार ने एसएसपी मथुरा से मिलकर जानकारी दी कि इस हत्या में गलत नामजदगी की गई है। जांच के बाद मथुरा पुलिस ने खुलासा किया कि मां गुड्डी देवी ने ही देवर आकाश के साथ मिलकर अपने बच्चे प्रिंस की हत्या कर दी थी और शव कुएं में फेंक दिया था। प्रकरण की जानकारी मिलने के बाद आयोग के अध्यक्ष बृजलाल ने मथुरा पुलिस को निर्देश दिया कि हत्या के इस मामले में तत्परता से विवेचना कर अभियुक्त गुड्डी देवी व उसके देवर आकाश के विरुद्ध आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया जाए और इसकी अदालत में अच्छी पैरवी कर उन्हें सजा दिलाई जाए। इसके साथ ही उन्होंने डीएम से आर्थिक सहायता की वसूली कराने को कहा है।