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सचिवालय कोआपरेटिव बैंक पर प्रतिबंधों तीन महीने और बढ़ा

सचिवालय में स्थित यूपी सिविल सेक्रेट्रिएट प्राइमरी को-आपरेटिव बैंक लि. पर लगाए गए प्रतिबंधों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अगले तीन महीनों के लिए बढ़ा दिया है। आरबीआई द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम...

सचिवालय कोआपरेटिव बैंक पर प्रतिबंधों तीन महीने और बढ़ा
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊFri, 25 Sep 2020 09:11 PM
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राज्य मुख्यालय। प्रमुख संवाददातासचिवालय में स्थित यूपी सिविल सेक्रेट्रिएट प्राइमरी को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड पर लगाए गए प्रतिबंधों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अगले तीन महीनों के लिए बढ़ा दिया है। आरबीआई द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में बैंक प्रबंधन ने अगले तीन महीनों में यदि सुधार कर लिया तो प्रतिबंध 26 दिसंबर 2020 से हट जाएंगे। बैंक के सभापति धर्मेश तिवारी का कहना है कि बैंक की आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है, जिसे देखते हुए आरबीआई ने प्रतिबंधों को महज तीन माह के लिए ही बढ़ाया है। सभापति ने बताया है कि इस समय बैंक की अंशपूंजी 1.70 करोड़ अधिक हो गई है। यह सकारात्मक संकेत है। दिसंबर तक बैंक से भुगतान और अन्य गतिविधियां शुरू होने के आसार बढ़ गए हैं। सचिवालय संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्र ने प्रतिबंध अवधि बढ़ाने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा है कि बैंक में सचिलावय के तमाम सेवानिवृत्त कर्मियों के भी पूरे जीवन की जमापूंजी फंसी हुई है। सावधि जमा, बचत खाते, चालू खाते किसी से भी कोई निकासी बैंक के ग्राहक नहीं कर पा रहे हैं। वित्त मंत्री भारत सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। बैंक की आर्थिक स्थिति गबन और अनियमितताओं के कारण बहुत खराब हो गई थी। जिसे देखते हुए रिजर्व बैंक ने बैंक की स्थिति में सुधार के लिए कुछ निर्देश जारी करते हुए निकासी पर प्रतिबंध सितंबर 2018 में लगाए थे। बैंक के ग्राहकों को अधिकतम एक हजार रुपये निकालने की छूट मिली थी। तब से अब तक हर छह माह पर प्रतिबंध अवधि बढ़ती रही है। पहली बार ऐसा हुआ है कि प्रतिबंध अवधि को आरबीआई ने महज तीन माह के लिए ही आगे बढ़ाया है।

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