राइस मिलर्स के तेवर कड़े, कर सकते हैं सरकारी धान की कुटाई का बहिष्कार
पंजीयन शुरू हुए एक सप्ताह बीत गया, नहीं हुआ एक भी पंजीकरण रचना सरन- राज्य मुख्यालयप्रदेश सरकार की धान खरीद नीति को लेकर यूपी राइस मिलर्स एसोसिएशन के तेवर कड़े हैं। नाराज राइस मिलर्स सरकारी धान की...
पंजीयन शुरू हुए एक सप्ताह बीत गया, नहीं हुआ एक भी पंजीकरण रचना सरन- राज्य मुख्यालयप्रदेश सरकार की धान खरीद नीति को लेकर यूपी राइस मिलर्स एसोसिएशन के तेवर कड़े हैं। नाराज राइस मिलर्स सरकारी धान की कुटाई से खुद को अलग करने का मन बना रहे हैं।राइस मिलर्स एसोसिएशन प्रदेश सरकार से धान की मौजूदा खरीद नीति में संशोधन की मांग कर रहा है और खाद्य मंत्री से लेकर शासन तक एसोसिएशन ने साफ कर दिया है कि अगर उनकी सुनवाई न हुई तो राइस मिलर्स सरकारी धान की कुटाई का बहिष्कार कर सकते हैं। संभवत: यही कारण है कि राइस मिलर्स का ऑनलाइन पंजीकरण करने के लिए पंजीयन शुरू हुए एक सप्ताह हो गया लेकिन राइस मिलर्स ने इसके प्रति कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। राइस मिलर्स का कहना है कि भारतीय खाद्य निगम प्राइवेट प्लेयर्स के मार्फत धान खरीदेगी तो मण्डी आढ़ती - राइस मिलर्स को इसमें क्यों शामिल नहीं किया जा रहा। सरकार किसानों के हित में इन्हें भी खरीद एजेन्सी नामित करे। दूसरी खरीद एजेन्सियों को दी जाने वाली सुविधाएं मुहैया कराएं। एसोसिएशन की सबसे बड़ी मांग धान से चावल की रिकवरी प्रतिशत घटाने की है। अभी जो मानक है उसमें 67 प्रतिशत रिकवरी होनी चाहिए जबकि मिलर्स का कहना है कि 55-60 प्रतिशत से ज्यादा रिकवरी नहीं होती। राइस मिलर्स एसोसिएशन के कोआर्डिनेटर संजीव अग्रवाल का कहना है कि प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकारों की गलत नीतियों और उपेक्षा के कारण प्रदेश में चावल उद्योग दम तोड़ चुका है। राइस मिलर्स बहुत परेशान है। सरकारी धान की कुटाई में राइस मिलर्स के लिए घाटे का सौदा बन चुका है। सरकार लेवी खत्म कर चुकी है पहले सरकारी धान की कुटाई (सीएमआर) कम मात्रा में होती थी और उसमें होने वाले नुकसान की भरपाई लेवी से हो जाती थी। मौजूदा सरकार से राइस मिलर्स को बहुत उम्मीदे हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष रमाकान्त मोदी और महामंत्री विनय शुक्ला ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। सूत्रों के अनुसार राइस मिलर्स एसोसिएशन की कार्यकारिणी की बैठक मंगलवार 12 सितंबर को लखनऊ में होगी। इसी में आगे की रणनीति तय होगी। तब तक पूरे प्रदेश में राइस मिलर्स से धान खरीद के लिए पंजीकरण नहीं कराने के लिए कहा गया है।