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दलित सांसदों से सहयोग मांगने को बारह टीमें बनायीं आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने

विशेष संवाददाता,राज्य मुख्यालय। आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के संयोजक मण्डल की रविवार को एक आवश्यक बैठक हुई जिसमें लोक सभा में लम्बित पदोन्नति आरक्षण सम्बन्धी 117वां बिल पास कराने को...

दलित सांसदों से सहयोग मांगने को बारह टीमें बनायीं आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊSun, 01 Jul 2018 06:41 PM
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विशेष संवाददाता,राज्य मुख्यालय। आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने संसद के मानसून सत्र में पदोन्नति बिल पास कराने के लिये अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेताओं व दलित सांसदों से सहयोग मांगने के लिये संघर्ष समिति ने अलग-अलग 12 टीमों का गठन किया है। यह निर्णय उत्तर प्रदेश के संयोजक मण्डल की रविवार को हुई बैठक में लिया गया। लोक सभा में लम्बित पदोन्नति आरक्षण सम्बन्धी 117वां बिल पास कराने को लेकर कार्य योजना बनायी गयी। यह टीमें इन सांसदों से पत्राचार, मोबाइल, वाट्सप व व्यक्तिगत रूप से सम्पर्क कर सहयोग मागेंगी। वहीं दूसरी ओर आरक्षण समर्थक कार्मिको ने नाराजगी जताते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा पदोन्नति में आरक्षण दिये जाने के आदेश 15 जून को जारी किये जाने के बाद भी उत्तर प्रदेश की सरकार चुपचाप तमाशा देख रही है। सामान्य वर्ग के कार्मिकों से सभी खाली पद भरने के लिये लगातार सभी विभागों में डी.पी.सी. करायी जा रही है, जो उत्तर प्रदेश सरकार की आरक्षण विरोधी नीति का खुलासा करती है। आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अवधेश कुमार वर्मा, के.बी. राम, डा. रामशब्द जैसवारा, आर.पी.केन, अजय कुमा आदि ने कहा कि यूपी में आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा-3(7) को उत्तर प्रदेश की सरकार को 15-11-97 से बहाल कर दलित कार्मिकों को उनका हक देना चाहिये। इतने महत्वपूर्ण मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से 15 दिन बीत जाने के बाद भी कोई अधिकृत बयान सामने नहीं आया।

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