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नगर निगम के कम्युनिटी किचेन पर राशन का संकट

लखनऊ। प्रमुख संवाददाता

नगर निगम के कम्युनिटी किचेन पर राशन का संकट
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊSun, 26 Apr 2020 06:54 PM
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लखनऊ। प्रमुख संवाददाता

लॉक डाउन में गरीबों व निराश्रितों के भोजन के लिए चल रही नगर निगम के कम्युनिटी किचेन पर राशन का संकट गहरा गया है। भोजन के साथ राशन वितरण ने अन्नदा ग्रेन बैंक को खाली कर दिया है। मददगारों की संख्या कम हो गई है। लगभग 48 लाख रुपए का उधार का राशन आ चुका है। नगर निगम के अधिकारी मददगारों को फोन करके बुलाने में जुटे हैं। उधार पर कम्युनिटी किचेन कब तक चलेगी यह भविष्य के गर्भ में हैं। इसके बावजूद नगर निगम के अधिकारी कम्युनिटी किचेन चलाते रहने का दम भर रहे हैं।

लॉक डाउन शुरू होते ही नगर निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों की पहल पर सभी आठ जोनों में कम्युनिटी किचेन की शुरुआत हुई थी। सभी एक दिन का वेतन देने के साथ अलग से भी मदद की। अन्नदा ग्रेन बैंक खोला गया। इसमें लोगों से राशन व धनराशि का सहयोग करने की अपील की गई। अब तक लगभग सवा करोड़ रुपए की मदद हो चुकी है। एक हजार कुंतल राशन भी लोगों ने दान किया। लेकिन अव्यवस्थित तरीके से भोजन वितरण के साथ राशन वितरण ने ग्रेन बैंक की कमर तोड़ दी है। पांच जगह पांच रिपोर्टर के जरिए किचन की पड़ताल..

कुछ ने राजनीति चमकाई

कम्युनिटी किचेन के माध्यम से कुछ लोग अपनी राजनीति चमकाने में जुटे हैं। कोई सौ पैकेट भोजन मंगवा रहा है तो कोई 200 पैकेट। राशन के लिए अलग से दबाव बनाया जा रहा है। यही नहीं एक वरिष्ठ नेता ने राशन दान दिया तो अगले ही दिन उसे अपने क्षेत्र में बंटवाने का फरमान जारी कर दिया। नगर निगम को राशन की किट बनवाकर उनके विधानसभा क्षेत्र में बंटवाने को मजबूर होना पड़ा।

अब बनाई रणनीति

कम्युनिटी किचेन से लगभग 88 हजार पैकेट रोज बांटा जा रहा है। इसमें स्वयंसेवी संगठनों व अक्षय पात्र के द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा पैकेट भी शामिल है। इसके लिए अब नई रणनीति बनाई गई है। जहां राशन वितरण हो चुका है वहां भोजन नहीं पहुंचाया जाएगा। पक्के मकान वालों व राशन कार्ड धारकों को भी भोजन व राशन नहीं दिया जाएगा। इससे पैकेट की संख्या कम होने का अनुमान है। साथ ही हर दिन अब मीनू भी नहीं बदलेगा। पूड़ी-सब्जी व तहरी का ही वितरण किया जाएगा।

बैंकों ने संभाला मोर्चा

नगर निगम के 11 कम्युनिटी किचेन पर हर दिन लगभग सात लाख रुपए का खर्च आ रहा है। इसके लिए तीन बैंकों ने मोर्चा संभाला है। आईसीआईसीआई, एक्सिस व एचडीएफसी बैंक ने अगले सात दिन तक भोजन पर आने वाले पूरे खर्च की जिम्मेदारी ली है। इस मदद से नगर निगम को राहत मिली है।

आलमबाग व बंगला बाजार में नहीं मिल रहा दान

आलमबाग आनंद नगर तथा बंगला बाजार बिजनौर रोड स्थित कम्युनिटी किचन में रोजाना करीब 9 हजार लोगों का खाना बन रहा है। दोनों जगहों पर रविवार को साढे चार-चार हजार लोगों का खाना बनता मिला। दोनों कम्युनिटी किचन में कई दिनों से कोई दान नहीं मिला है। नगर निगम के मेन स्टोर से जो राशन भेजा गया उसी से भोजन बनाया जा रहा था। दोनों जगहों पर पूड़ी सब्जी बनाई गई। यहां खाना बनाने वाले लोगों ने बताया चावल छोला बनाने पर एक किचन में 8 कुंटल चावल तथा 2 से ढाई कुंतल छोला लगता है। जबकि पूड़ी सब्जी बनाने पर 8 कुंतल आटा, 3 कुंटल आलू तथा 10 टिन तेल लगता है। लगभग 3000 रुपये की सब्जी रोजाना लगती है। मसाले, तेल, आलू, चावल तथा आटा सभी कुछ नगर निगम की सेंट्रल किचन से आता है।

राजाजीपुरम कम्युनिटी किचेन में नहीं बचा राशन

राजाजीपुरम स्थित आवास विकास कल्याण मंडप मिनी स्टेडियम कम्युनिटी किचन के स्टोर में राशन खत्म हो चुका है। यहां अब मेन स्टोर से राशन आने के बाद ही भोजन बन रहा है। कल्याण मंडप से मिलने वाले राशन की मात्रा निर्धारित है। ऐसे में राशन आने के बाद ही काम शुरू हो पा रहा है। यहां के नगर अभियंता अमरनाथ की मानें तो यहां से जोन 2 के कुल 12 वार्डों में भोजन जा रहा है। लगभग तीन-चार कुंतल राशन खर्च हो रहा है। व्यवस्था अधिकारी अमरनाथ के मुताबिक पिछले एक सप्ताह से धनराशि और राशन के तौर पर कोई मदद नहीं मिली है। इसके चलते स्टोर पूरी तरह से खाली निर्धारित राशन मिलने के कारण कम पड़ने की भी आशंका बनी रहती है। डीएम कंट्रोल और राहत आयुक्त के यहां से सूचना आने पर जरूरतमंदों तक भोजन के पैकेट पहुंचाना पड़ रहा है।

गोमतीनगर-महानगर में पर्याप्त राशन

महानगर स्थित कल्याण मंडप के कम्युनिटी किचन में रोजाना करीब पांच हजार लंच के पैकेट गरीब व जरूरतमंद लोगों के लिए तैयार किया जाता है। नगर अभियंता मनीष अवस्थी ने बताया कि कम्युनिटी किचन में राशन की पर्याप्त व्यवस्था है। रोजाना लगभग तीन कुंतल आटा, दो कुंतल चावल और दो कुंतल आलू खर्च होता है। किसी सरकारी व गैर सरकारी संस्था द्वारा आर्थिक मदद काफी कम मिलती है। वहीं गोमतीनगर स्थित विराटखंड एलडीए सामुदायिक केंद्र के कम्युनिटी किचन में लॉकडाउन के बाद से प्रतिदिन पांच से छह हजार खाने के पैकेट तैयार करके बांटे जा रहे हैं। जोनल आफिसर राजेश सिंह ने बताया कि गरीब लोगों की मदद के लिए कम्युनिटी किचन में कई सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं ने मदद की है। राशन का स्टॉक भरपूर मात्रा में है।

इंदिरानगर में मददगार घटे

इंदिरानगर ए-ब्लाक कम्युनिटी सेंटर में बनी कम्युनिटी किचेन से हर लगभग 5000 हजार भोजन के पैकेट बन रहे हैं। शुरू में बड़ी संख्या में मददगार पहुंच रहे थे। बड़ी मात्रा में राशन मिल रहा था लेकिन कभी-कभार कोई दस-बीस किलो की मदद पहुंचा रहा है। पूरा राशन मेन स्टोर से आ रहा है। हालांकि अभी कोई किल्लत नहीं आई है। उधर तकरोही आदि इलाकों के लिए जीजीआईसी में बनाए गए कम्युनिटी किचेन से भी लगभग ढाई हजार लोगों को भोजन पहुंचाया जा रहा है।

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दिक्कत को दूर कर लिया गया है। एक मददगार ने रविवार को 25 लाख रुपए दिए हैं। साथ ही तीन बैंक भी सहयोग के लिए आगे आए हैं। इसके अलावा आपदा राहत कोष से भी 25 लाख रुपए मिलना है। भोजन व राशन वितरण में सुधार लाने के लिए रणनीति बनाई गई है। अब उसी के तहत कम्युनिटी किचेन का संचालन होगा।

डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त

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