बिना जमीन की दस्दीक के हो रहा राशनकार्डो का सत्यापन
राशनकार्डो के सत्यापन पर सवाल खड़े हो गए हैं क्योंकि ग्रामीण इलाकों में राशनकार्डो का सत्यापन में कार्डधारक की जमीन की जांच नहीं की जा रही है। जबकि कार्डधारकों की पात्रता निर्धारण के लिए जमीन एक...
राशनकार्डो के सत्यापन पर सवाल खड़े हो गए हैं क्योंकि ग्रामीण इलाकों में राशनकार्डो का सत्यापन में कार्डधारक की जमीन की जांच नहीं की जा रही है। जबकि कार्डधारकों की पात्रता निर्धारण के लिए जमीन एक मुख्य आधार है। कार्डधारक की जमीन से उसकी पात्रता और अपात्रता निर्धारित होती है। ग्रामीण इलाके में राशनकार्डो के सत्यापन की जिम्मेदारी पंचायत सचिवों को सौंपी गई है। लेखपालों ने कार्डो का सत्यापन करने से मना कर दिया है। पंचायत सचिव कार्डधारक के घर- परिवार की स्थित की जांच तो कर सकते हैं लेकिन वह कार्डधारक के पास कुल जमीन की दस्दीक नहीं कर सकते हैं। जमीन का आंकड़ा सचिवों के पास नहीं होता है। जमीन के आंकड़े लेखपालों के पास होते हैं। इसी वजह से सचिव सभी बिंदुओं पर जांच नहीं कर पा रहे हैं। सचिवों ने भी खड़े किए सवाल कई ब्लाक के ग्राम पंचायत सचिवों ने तो अपनी सत्यापन रिपोर्ट में यह दिखा दिया है कि राजस्व के आंकड़े न मिलने के कारण सत्यापन पूरी तरह से सही नहीं हो पा रहा है। यही वजह है कि राशनकार्ड के सत्यापन की सत्यता पर सवाल खड़े हो गए हैं। इस बाबत डीएसओ कन्हैया लाल तिवारी बताते हैं कि सत्यापन के आधार पर पात्र और अपात्रों की सूची पंचायतों में प्रदर्शित की जाएगी। पंचायत की खुली बैठक में इस पर चर्चा होगी। यदि किसी को कोई संदेह है तो वह अपनी आपत्ति दर्ज करा सकता है। ग्रामीण क्षेत्र कुल राशनकार्ड पात्र गृहस्थी -2,39,758 अंत्योदय - 40,944 कुल - 2,80,702